इसराईल मस्जिदे अकसा को शहीद करने की मुसलसिल साज़िशें कर रहा है

फ़लस्तीन की हिमायत में आलमी सतह पर राय आम्मा बेदार हो रही है और मुख़्तलिफ़ ममालिक की राय तबदील हो रही है अब वो दिन दूर नहीं जब फ़लस्तीन को आज़ाद ममलकत का दर्जा हासिल होगा।

इस ख़्याल का इज़हार अल्हाज क़मर उल-इस्लाम सदर मर्कज़ी सीरत कमेटी गुलबर्गा , वज़ीर बलदी नज़म-ओ-नसक़ पब्लिक इंटर इंटरप्राइजेस वक़्फ़-ओ‍अक़लियती बहबूद कर्नाटक ने किया है।

वो गुलबर्गा में इंडो अरब लीग हैदराबाद और मर्कज़ी सीरत कमेटी ज़िला गुलबर्गा के ज़ेर-ए-एहतेमाम मुनाक़िदा यौम फ़लस्तीन-ओ-फ़लस्तीन पर इसराईली जारहीयत के ख़िलाफ़ जलसे में सदारती ख़िताब कर रहे थे।

क़मर उल-इस्लाम ने कहा कि क़िबला अव्वल मस्जिदे अकसा की बाज़याबी को अब दुनिया की कोई ताक़त नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि इसराईल अमरीका की पुश्तपनाही से फ़लस्तीन के ख़िलाफ़ जारहीयत-ओ-बरबरीयत ज़्यादा दिन जारी नहीं रख सकेगा। 1960 से जारी फ़लस्तीनी तहरीक को बड़ी कामयाबी ये मिली हैके फ़लस्तीन को अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की रुकनीयत हासिल है।

उन्होंने कहा कि इसराईल के ख़िलाफ़ पूरे आलिम इस्लाम में शदीद ग़म-ओ-ग़ुस्सा पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सारी दुनिया में जमहूरीयत को ग़लबा हासिल हो रहा है एसे में अमरीका और इसराईल की आमिरीयत-ओ-ज़ुलम की उम्र ज़्यादा लंबी नहीं होगी। अल्हाज क़मर उल-इस्लाम ने कहा कि अगर इसराईल मस्जिदे अकसा के तक़द्दुस को पामाल करने की जसारत करेगा तो दुनिया भर के मुसलमानों के रद्द-ए-अमल का उसे सामना करना पड़ेगा, इसराईल की आफ़ियत इसी में है कि वो मस्जिदे अकसा को मुसलमानों के हवाले करदे।

उन्होंने कहा कि फ़लस्तीन अपनी तहरीक में ज़रूर कामयाब होगा। नवाब डॉ मीर अकबर अली ख़ान नायब सदर इंडो अरब लीग ने कहा कि 1967 में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में फ़लस्तीन को आज़ाद ममलकत तस्लीम करने की क़रारदाद मंज़ूरी हुई लेकिन आज तक इस पर अमल नहीं हुआ।

उन्होंने बताया कि चैरमैन इंडो अरब लीग सय्यद विक़ारुद्दीन एडीटर रहनमाए दक्कन गुलबर्गा के क़रीब कार हादसे में उन के पैर ज़ख़म आने की वजहा से जल्सा-ए-आम में शिरकत नहीं करसके।

तक़द्दुस-ए-मआब डॉ अल्हाज सय्यद शाह गेसू दराज़ ख़ुसरो हुसैनी सज्जादा नशीन दरगाह हज़रत ख़्वाजा बंदानवाज़ गेसू दराज़ ने बतौर ख़ास जलसे में शिरकत करके फ़लस्तीनी काज़ के तईं दिलचस्पी और फ़लस्तीनी अवाम से यगानगत का इज़हार किया।अज़ीज़ अल्लाह सरमस्त ने इंडो अरब लीग-ओ-सीरत कमेटी की तरफ से मुसलमानान गुलबर्गा ज़िला और हिंदूस्तानी मुसलमानों के जज़बात पर मबनी क़रारदाद पेश की जिस में कहा गया हैके क़िब्ला अव्वल की बाज़याबी के लिए जद्द-ओ-जहद करना और फ़लस्तीनी मुसलमानों के मौक़िफ़ की हिमायत करना तमाम आलम इस्लाम के मुसलमानों का मिली-ओ-दीनी फ़रीज़ा है , क़रारदाद में अक़्वाम में मुत्तहदा में फ़लस्तीन को आज़ाद ममलकत का दर्जा देने का मुतालिबा किया गया।

आग़ाज़ डॉ क़ारी सिद्दीक़ हुसैन की क़रा॔ते कलाम पाक और साजिद निज़ामी की नाअत ख़वानी से हुआ। मुक़ामी उलमा किराम मौलाना सय्यद अबदुर्रशीद, मौलाना शरीफ़ अहमद मज़हरी, मौलाना बदी अल्ज़मां मदनी ने अर्ज़ फ़लस्तीन , क़बल अव्वल मस्जिदे अकसा की इस्लामी एहमीयत-ओ-अज़मत को बयान की।