हैदराबाद२५ मार्च (सियासत न्यूज़) फ़लस्तीन की लड़ाई सिर्फ मुस्लमानों का मसला नहीं है बल्कि इस सरज़मीन पर रहने वाले ईसाई और यहूदीयों का भी मसला ही। ये सहीवनीत है जो फ़लस्तीन पर ग़ासिबाना क़बज़ा जमाए रखा है और फ़लस्तीनीयों के हुक़ूक़ सल्ब कर रखे हैं। अब दुनिया के हालात इस क़दर तबदील होचुके हैं कि इसराईल और इसराईलीहुकूमत के लिए जबर-ओ-इस्तिबदाद को मज़ीद अर्सा तक बरक़रार रखना मुश्किल ही। इन ख़्यालात का इज़हार मुमताज़ सहाफ़ी अजीत साही ने किया।
वो ऐस आई ओ हैदराबाद के ज़ेर-ए-एहतिमाम आलमी मार्च बराए यरूशलम से इज़हार यगानगत के ज़िमन में आज आडीटोरीयम मदीना एजूकेशन सैंटर नामपली में एक अहम इजलास बउनवान मुहासिराख़तन करो से ख़िताब कररहे थे जिस की सदारत डाक्टर आतिफ़ असमाआईल सदर ऐसआई आंधरा प्रदेश ने की। ऐस आई ओ ने /30 मार्च को दुनिया के मुख़्तलिफ़ गोशों से यरूशलम की सरहद पर पहुंचने वालों कारवानों से इज़हार यगानगत के तौर पर /25 मार्च को शाम 7 बजे एक मील मार्च का इंदिरा पार्क पर एहतिमाम किया ही। मिस्टर अजीत साही ने कहा कि इसराईल की मजमूई आबादी तक़रीबन 60 लाख है और 6-8 माह क़बलतक़रीबन 5 लाख इसराईलों यानी 12 फ़ीसद अवाम सड़कों पर उतर आए थे जो रोज़गार, ख़ुराक और लिबास का इंतिज़ाम करने का मुतालिबा कर रहे थी।
उन्हों ने बताया कि हिंदुस्तानी सरकार ने हाल ही में फ़्रांस से 10 बिलीयन डॉलर्स के राफ़ील फाइटर जेट्स ख़रीदने का फ़ैसला किया है जिन को फ़्रांस पिछले दस बरसों में किसी और मुल्क को फ़रोख़त करने में कामयाब नहीं होसका। उन्हों ने बताया कि इसराईल ने गुज़शता 10 बरसों में हिंदुस्तान को 9 बिलीयन डॉलर्स के असलाह फ़रोख़त किए हैं। छोटी सी आबादी वालामुलक इसराईल आज असलाह फ़रोख़त करने वाले दुनिया के 5 बड़े ममालिक में शामिल हैं। उन्हों ने ये भी कहा कि दिल्ली में इसराईली सिफ़ारतकार पर किया गया हमला ख़ुद इसराईल या हिंदुस्तानी सरकारी एजैंसीयों ने किया हैं। उन्हों ने कहा कि ईरान पर जो इल्ज़ाम आइद किया जा रहा है वो काबिल-ए-क़बूल नहीं हैं। ताहम मिस्टर अजीत साही ने कहा कि सीहोनी दूर अपनी आख़िरी सांसें ले रहा ही। आलमी सूरत-ए-हाल पर नज़र डालें तो अमरीका-ओ-यूरोप इक़तिसादी बोहरान में इस क़दर घर चुके हैं कि अब वो सहयोनी मंसूबों को रोबामल लाने से ख़ुद को क़ासिर पा रहे हैं और उन्हें भी ये एहसास होने लगा है कि वो ख़ुद सहीवनीत की मदद करते हुए ख़सारा से दो-चार हो रहे हैं । उन्हों ने ये भी कहा कि दुनिया के बहुत से गोशों में फ़लस्तीन और ग़ाज़ा हैं।
हमें फ़लस्तीनीयों जैसे हालात से दो-चार होने वालों का भी साथ देना होगा। कोडनकुलम में जौहरी प्लांट के ख़िलाफ़ मुहिम चलाने वाले नौजवान समाजी कारकुन मिस्टर मितो कृष्णन ने कहा कि असल धारे काज़राए इबलाग़ बिक चुका है वो सरमाया दाराना निज़ाम के हाथों फ़रोख़त होचुका है अलबत्ता इंटरनैट अब भी बड़ी हद तक आज़ाद है और इंटरनैट के ज़रीया हक़ायक़ को पेश किया जा रहा ही। उन्हों ने कहा कि हैदराबाद में भी फ़्यूल न्यूकलीयर कॉम्प्लेक्स के बाइस अशोक नगर और इस के अतराफ़ के 12 मवाज़आत में ज़र-ए-ज़मीन पानी आलूदा हो चुका हैं। हिंदुस्तान भर के जौहरी प्लांटस के लिए हैदराबाद से ही फ़्यूल सरबराह होता हैं। जनाब मुहम्मद अज़हर उद्दीन पी आर सैक्रेटरी जमात-ए-इस्लामी आंधरा प्रदेश-ओ-उड़ीसा ने कहा कि एक अर्सा से फ़लस्तीनी अवाम मज़ालिम झील रहे हैं उन की ज़िंदगी अजीर्ण बनाकर रख दी गई हैं।
पानी, बर्क़ी और दीगर बुनियादी जरूरतों से भी उन्हें महरूम रखा जा रहा ही। उन्हों ने कहा कि एक अर्सा तक हम फ़लस्तीनीयों और उन के मसाइल से ख़ुद को दूर रखे हुए थे मगर आज हालात बदल रहे हैं। नौजवान हत्ता कि ख़वातीन भी बेदार होगई हैं। ज़ोनल सदर ऐस आई ओ आंधरा प्रदेश डाक्टर आतिफ़ असमाआईल ने कहा कि अब फ़लस्तीन से दुनिया भर के अमन पसंद शहरीयों को अलैहदा नहीं रखा जा सकता। उन्हों ने कहा कि वक़्त आचुका है कि आलमी वुक़ूआत का हम हिस्सा बनें। हमें हकूमत-ए-हिन्द पर दबाओ डालना होगा कि वो गांधी जी और पण्डित नहरू की पालिसी पर गामज़न रहते हुए इसराईल से अपने ताल्लुक़ात मुनक़ते करले और फ़लस्तीनी काज़ की पहले जैसी हिमायत करी।
उन्हों ने कहा कि आलमी मार्च बराए यरूशलम के लिए दुनिया के मुख़्तलिफ़ गोशों सेहक़गो और अमन पसंद शहरी अपनी अपनी सरज़मीन से निकल कर फ़लस्तीनीयों कीहिमायत में हज़ारों मील का सफ़र कररहे हैं हम उन के साथ इज़हार यगानगत करते हैं।इजलास से मसरज़ अनस रिज़वी, ग़ुलाम यज़्दानी ऐडवोकेट, अनवर ख़ान परनसपाल अनवार उल-उलूम कॉलिज, नुसरत मुही उद्दीन, हाफ़िज़ अबदालह फ़ीज़ावर दूसरों ने भी ख़िताब किया।