फ़लस्तीनीयों पर इसराईली जारहीयत, ज़ुलम-ओ-बरबरीयत और बेक़सूर अफ़राद-ओ-बच्चों पर इंसानियत सोज़ मज़ालिम के ख़िलाफ़ एस आई ओ महबूबनगर ने तेलंगाना चौराहा महबूबनगर पर एक धरना प्रोग्राम मुनज़्ज़म किया।
इस प्रोग्राम में तक़रीबन सियासी जमातों के क़ाइदीन, तंज़ीमों के सरबराहान और मुअज़्ज़िज़ शहरीयों ने बड़ी तादाद में शिरकत करते हुए अपने अपने ख़ताबात में मर्कज़ी हुकूमत से पुरज़ोर मुतालिबा किया कि इसराईल को बरबरीयत से रोकने के लिए हिंदुस्तान अपने तमाम ज़राए को इस्तिमाल और दबाव डालने के लिए सिफ़ारती ताल्लुक़ात मुनक़ते करले।
उन्होंने कहा कि कमसिन बच्चों पर दर्दनाक मज़ालिम और उनकी लाशों का नज़ारा आज सारी दुनिया कर रही है, जबकि मीडीया भी पहलू तही कर रहा है। अगर एसे मज़ालिम कोई मुस्लिम ममलकत करती तो इस पर दहश्तगर्दी का लेबल लगाकर उस की ईंट से ईंट बजाने की तैयारी करने के लिए आलमी ताक़तें हरकत में आ जातीं। मुक़र्ररीन ने कहा कि अमरीका और इस के हलीफ़ ममालिक ग़ासिब इसराईल की पुश्तपनाही कर रहे हैं, जबकि इसराईल माहे सियाम के मौके पर नहत्ते फ़लस्तीनीयों पर जो मज़ालिम ढह रहा है, इस से सारी इंसानियत लरज़ उठी है। मुक़र्ररीन ने याद दिलाया कि हिंदुस्तान के ताल्लुक़ात फ़लस्तीनीयों के साथ हमेशा हमदर्दाना रहे हैं, लेकिन मौजूदा मोदी हुकूमत पार्लियामेंट में बेहस के लिए इजाज़त तक देने पस-ओ-पेश कर रही है।
आख़िर में सारे मुसलमानों से अपील की गई कि वो अपनी ख़ास दुआओं में फ़लस्तीनीयों की हिफ़ाज़त और उनकी कामयाबी के लिए दुआ करें। बादअज़ां तमाम क़ाइदीन ने रैली की शक्ल में कलक्ट्रेट पहुंच कर मैमोरंडम पेश किया।