इसराईल ग़ाज़ा में जंगी जराइम का मुर्तक़िब

इंसानी हुक़ूक़ की आलमी तंज़ीम एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि इस बात के ठोस शवाहिद मौजूद हैं कि इसराईल गुज़िश्ता बरस हम्मास के हाथों अपने एक सिपाही के पकड़े जाने के बाद ग़ाज़ा में जंगी जराइम का मुर्तक़िब हुआ।

एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि गुज़िश्ता अगस्त में लेफ़्टीनेंट हदर गोल्डन के पकड़े जाने और फिर में हलाकत की ख़बर के बाद रफ़ाह पर बमबारी में 135 आम शहरी हलाक हुए थे।

आलमी तंज़ीम का कहना है कि इसराईल की इंतिहाई जारिहाना पॉलिसी की वजह से आम शहरीयों को शदीद नताइज का सामना करना पड़ा। दूसरी जानिब इसराईल ने इस रिपोर्ट को बुनियादी तौर पर ग़लत और यकतर्फ़ा क़रार दे कर मुस्तरद कर दिया है।

ख़्याल रहे कि ये तनाज़ा तक़रीबन 50 रोज़ तक जारी रहने के बाद आरिज़ी सुलह पर ख़त्म हुआ था।