नरेंद्र मोदी और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला II बिन अल हुसैन गुरुवार को इंडियन इस्लामिक सेंटर के प्रोग्राम में शामिल हुए। इसमें दोनों नेताओं ने ‘इस्लामिक विरासत’ पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने कहा कि इस्लाम की विरासत को बताया नहीं जा सकता है, बल्कि इसे सिर्फ महसूस किया जाता है।
इंसानियत के खिलाफ जुल्म करने वाले ये नहीं जानते कि नुकसान उनके मजबह का भी होता है, जिसके लिए वो लड़ने का दावा करते हैं। वहीं, अब्दुल्ला ने कहा कि इस्लाम में नफरत की कोई जगह नहीं है।
आतंकवाद को इससे ना जोड़ा जाए। बता दें कि किंग अब्दुल्ला मंगलवार रात 3 दिन के दौरे पर भारत आए। तब मोदी उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट गए थे।
नरेंद्र मोदी ने कहा, ”इस्लाम की सच्ची पहचान बनाने के लिए आपकी महत्वपूर्ण भूमिका को बताया नहीं जा सकता। उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। योर हाईनेस प्रिंस की जिस किताब का अभी जिक्र किया गया। वो भी जॉर्डन में आपकी कोशिशों का एक शानदार नतीजा है।
मुझे पूरी उम्मीद है कि यह लोगों को इस्लाम को समझने में मददगार होगी और उसे दुनियाभर के युवा जरूर पढ़ेंगे। आपने जिस तरह आपने यहां आने की मेरी गुजारिश का स्वीकार किया वो भारत के प्रति आपके स्नेह को बताती है।”
”योर मैजेस्टी आप (किंग अब्दुल्ला) स्वयं विद्वान हैं और भारत से बहुत अच्छी तरह वाकिफ हैं। आप भली प्रकार जानते हैं कि दुनिया के सभी बड़े धर्म भारत के पालने में पले-बढ़े हैं। दुनियाभर के मजहब और मत भारत की मिट्टी में पनपे हैं यहां की हवा में उन्होंने सांस ली। अमन और मोहब्बत की खुशबू भारत के चमन से सारी दुनिया में फैली है। इसने हमें सही रास्ता दिखाया है।”