एक 32 साला ख़ातून जिस की इजतिमाई इस्मत रेज़ि के बाद क़तल का वाक़िया रुनुमा हुआ था, उस की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पर तनाज़ा पैदा होगया है जहां अपोज़ीशन जमातें हुकूमत यू पी पर इल्ज़ाम आइद कर रही हैं कि हुकूमत ने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के साथ मुबय्यना छेड़ छाड़ की है।
गुजिश्ता हफ़्ता लखनऊ के नवाही इलाक़ा मोहन लालगंज में इस रोंगटे खड़े करदेने वाले जुर्म का इर्तिकाब किया गया था। बी जे पी का कहना हैकि हुकूमत इस मुआमला को दबा देना चाहती है। इस मौक़ा पर बी जे पी तर्जुमान विजय बहादुर पाठक ने कहा कि जब ख़ातून की नाश को इंतिहाई उजलत के साथ नज़र-ए-आतिश करदिया गया हो तो अब दुबारा तहक़ीक़ करने के लिए बाक़ी क्या रह जाता है।
ये बात उन्होंने अखिलेश यादव के इस हुक्म पर अपना रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए कही जहां वज़ीर मौसूफ़ ने ख़ातून के पोस्टमार्टम रिपोर्ट की तहकीकात के बारे में हिदायत जारी की थी। पाठक ने कहा कि मक़्तूल ख़ातून के अरकान ख़ानदान ये कहते हैं कि मक़्तूला ने तीन साल क़बल अपना एक गुर्दा अतिया देदिया था जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों गुर्दे जिस्म में मौजूद होने की बात कही गई है जिस से ये ज़ाहिर होजाता है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खामियां हैं जिनकी तहकीकात होनी चाहिए।
अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि लखनऊ पुलिस सरबराह की जानिब से इस तीक़न के बावजूद कि ख़ातून की नाश को 72 घंटों तक महफ़ूज़ रखा जाएगा। उसकी आख़िरी रसूमात निहायत ख़ामोशी से अदा करदी गई। अब सूरत-ए-हाल ये है कि मक़्तूला के अरकान ख़ानदान इस क़तल की सी बी आई के जरिए तहकीकात करवाए जाने का मांग कर रहे हैं और धमकी दी है कि अगर रियासती हुकूमत ने इनका मांग नहीं माना तो वो ख़ुदकसी करलेंगे।