नई दिल्ली। 31 दिसमबर: कांग्रेस ने ख़वातीन के ख़िलाफ़ मज़ालिम को रोकने के लिए सख़्त क़ानून की वकालत की है और इस ने एक मुसव्वदा बिल पेश करने की तजवीज़ दी जिस में इस्मत रेज़ि का इर्तिकाब करने वाले को 30 साल सज़ाए क़ैद के साथ साथ बाअज़ मुआमलात में एसे मर्द अफ़राद की ख़स्सी (नामर्द बना देना) भी शामिल है।
दिल्ली में 23 साला तालिबा की इजतिमाई इस्मत रेज़ि के अन्दोहनाक वाक़िया के बाद क़ायम करदा जस्टिस जे एस वर्मा ज़ेर-ए-क़ियादत कमेटी को इस बिल का क़तई मुसव्वदा पेश किया जाएगा।
ज़राए ने ताहम ये कहा कि अभी इस बिल का क़तई मुसव्वदा तैयार नहीं किया गया है। इस मुसव्वदा में इंतिहाई सख़्त क़ानून की वकालत की गई है।
इन में इस्मत रेज़ि का इर्तिकाब करने वाले को 30 साल तक की सज़ाए क़ैद, फ़ासट ट्रैक अदालतों के ज़रये अंदरून 3 माह मुक़द्दमात का फ़ैसला भी शामिल है।
सदर कांग्रेस सोनीया गांधी की मौजूदगी में इस मुसव्वदा पर तबादला-ए-ख़्याल किया गया। एक तजवीज़ ये भी है कि कमउमर बच्चों से मुताल्लिक़ क़ानून की अज़सर-ए-नौ तशरीह करते हुए बच्चों की उम्र में मज़ीद कमी की जाये।
दिल्ली वाक़िये में एक मुल्ज़िम की उम्र 18 साल होने के लिए चंद माह बाक़ी हैं चुनांचे एक राए ये भी पेश की गई कि सिर्फ़ 15 साल से कमउमर को ही बच्चों में शुमार किया जाये। सोनीया गांधी की ज़ेर-ए-क़ियादत क़ौमी एडवाइज़री कौंसिल जिस ने कई तारीख़ी क़वानीन जैसे आर टी आई वज़ा करने में मदद की, इमकान है कि इस क़ानून में भी मुम्किना मदद फ़राहम करेगी।
सोनीया गांधी की रिहायश गाह पर एहितजाजियों से मुलाक़ात के दौरान उन्हों ने इस्मत रेज़ि वाक़ियात पर अंदरून तीन माह फ़ैसले के लिए फ़ासट ट्रैक अदालतों की हिमायत की थी, जबके पार्टी तर्जुमान रेनूका चौधरी ने इस्मत रेज़ि करने वालों को नामर्द बनाने की भरपूर वकालत की है।
रेनूका चौधरी ने कहा कि कई मुमालिक में सख़्त सज़ाएं पाई जाती हैं लेकिन एसे वाक़ियात का इंसिदाद ना होसका चुनांचे उन्हें नामर्द बनाने पर ही ख़वातीन के ख़िलाफ़ इस्मत रेज़ि वाक़ियात का ख़ातमा होसकेगा