इस्लामाबाद में नए साल की तक़रीबात पर इमतिना

पाकिस्तान के दारुल हुकूमत में नया साल मनाने के हज़ारों पुरजोश अफ़राद की उम्मीदों पर कोस पड़ गई जबकि मुक़ामी ओहदेदारों ने होटलों को साले नव के मौक़ा पर पार्टीयां मुनाक़िद करने की जारी कर्दा इजाज़त मंसूख़ करदी।

कई अफ़राद तक़रीबात में शिरकत के लिए फी कस 16000 रुपये तक अदायगी कर चुके थे लेकिन क़ौमी दारुल हुकूमत में बढ़ते हुए सयान्ती अंदेशों के पेशे नज़र मुक़ामी इंतेज़ामीया ने अचानक फ़ैसला किया कि शहर में मुक़र्रर तमाम तक़रीबात मंसूख़ करदी जाएं।

ये हंगामी हालात जैसी सूरते हाल थी, शहर की बाअज़ आला सतही होटलों में लोग जो ज़र्क़-बर्क़ लिबास पहने हुए साले नव की तक़रीब में शिरकत के लिए आए हुए थे, महसूस करने लगे थे कि उन से धोका किया गया है।

एक तरफ़ स्यानत एक बड़ा अंदेशा था तो दूसरी तरफ़ 31 दिसंबर जैसे पार्टी के पैकेजेस में लामहदूद मिक़दार में शराब फ़राहम की जाती है। पाकिस्तान में मुसलमान क़ानून के एतबार से शराबनोशी नहीं कर सकते।

ख़बरों के बामूजिब शहर के ओहदेदारों ने 10 हज़ार से ज़्यादा सयान्ती अमला नए साल की शाम तैनात किया था। बाज़ारों को इस्लामाबाद में 10 बजे शब बंद करने की हिदायत दे दी गई थी।