नई दिल्ली: लोकसभा में आज शून्यकाल के दौरान इस्लामिक बैंकिंग की अनुमति न देने, एसवाईएल नहर के जल्द निर्माण और मराठा आरक्षण के ऊपर दलील पेश की गयी।
शिवसेना सांसद चंद्रकांत खैरे ने इस्लामिक बैंकिंग की अनुमति न देने के सम्बन्ध में अपने विचार रखे और कहा कि यह बैंकिंग व्यवस्था शरिया कानून आधारित है इसलिए इसकी अनुमति नहीं देनी चाहिए।
उनकी यह मांग उन रिपोर्टों के के बीच आई है जिनमें कहा जा रहा है कि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने पारम्परिक बैंकों में इस्लामिक खिड़की खोलने का प्रस्ताव पेश किया है जिसे शरिया आधारित या ब्याज मुक्त बैंकिंग की शुरुआत की जा सके। शरिया ब्याज और लोन के लिए फीस की स्वीकृति पर प्रतिबन्ध लगाता है।
केंद्र और रिज़र्व बैंक दोनों लम्बे समय से इस्लामिक बैंकिंग को शुरू करने के ऊपर विचार कर रहे हैं। यह व्यवस्था शुरू करने की वजह समाज के उन लोगों के लिए बैंकिंग व्यवस्था को तैयार करना है जो धार्मिक कारणों से इस व्यवस्था से दूर रहते हैं।
इंडियन नेशनल लोकदल के सांसद दुष्यंत चौटाला ने लोकसभा में कहा कि पैरामिलिट्री सेना की सुरक्षा में एसवाईएल नहर का निर्माण जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए। हरियाणा के सांसद चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नाहर के निर्माण कार्य की योजना पर सदन के सदस्यों को विश्वास में लें।
शिवसेना के एक अन्य सांसद श्रीरंग बराने ने यह कहते हुए मराठा आरक्षण की मांग उठाई कि मराठा समुदाय अब तक कई आरक्षण के लिए महाराष्ट्र राज्य में और बाहर भी अपनी मांग के साथ कई शांति मार्च निकाल चुका है लेकिन अब तक इसे कोई फायदा प्राप्त नहीं हुआ है।