मुंबई: पिछले दिनों विवाद में आये मशहूर इस्लामिक स्कॉलर डॉ ज़ाकिर नाइक की इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन(IRF) को सरकार ने बैन करने का फ़ैसला कर लिया है.
अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट के अंतर्गत इस संस्था को अवैध घोषित किया जाएगा जो ग्रह मंत्रालय की एक जांच के बाद किया गया है.
जांच में बताया गया है कि IRF के चैनल पीस टीवी जो कि पूरी दुनिया में मशहूर है, ने आतंकवाद को बढाने में मदद की है. हालाँकि इन आरोपों को पहले ही डॉ नाइक बेबुनियाद क़रार दे चुके हैं.
ग्रह मंत्रालय इसपर एक ड्राफ्ट कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक़ पीस टीवी ने मुसलमानों को आतंकवाद की तरफ़ ले जाने का काम किया है.
इन आरोपों के साथ ही ये भी दावा किया गया है कि विदेशी फण्ड भी पीस टीवी के संचालन में प्रयोग किया गया है और उसके ज़रिये मुसलमानों को उकसाया गया है.
पूरा मामला वैसे बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकवादी हमलों के बाद शुरू हुआ था. आतंकवादियों के समूह में शामिल एक लड़के की सोशल मीडिया प्रोफाइल से ये ज़ाहिर हुआ था कि वो डॉ ज़ाकिर की शिक्षा से प्रेरित है लेकिन ये पोस्ट एक साल से भी पुरानी थी. इसके बाद में बंगलादेश के अखबार ने इस बारे में एक रिपोर्ट छापी जिसमें सिर्फ़ इस आधार पर डॉ ज़ाकिर को कटहरे में खड़ा कर दिया गया. इसके बाद उनका मीडिया-ट्रायल शुरू किया गया जिसके बाद में डॉ ज़ाकिर ने अपनी बात भी रखी और अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को तर्क के सहारे झूठा बताया.