इस्लामी इन्क़िलाब ही तमाम मसाइल का वाहिद हल: जमात इस्लामी

कराँची, ०३ जनवरी: (एजेसीज़) अमीर जमात-ए-इस्लामी पाकिस्तान सैयद मुनव्वर हसन ने कहा कि इस्लामी इन्क़िलाब ही मुल्क के तमाम मसाइल का वाहिद हल है। उन्हों ने कहा कि तमाम बड़ी सयासी पार्टीयां मुल्क को मसाइल से नजात दिलाने में बुरी तरह नाकाम हो गई हैं।

वो एक पुरहजोम जल्सा-ए-आम से कराची के बच्चा ख़ान चौक में ख़िताब कर रहे थे। उन्हों ने कहा कि तमाम साबिक़ फ़ौजी और मुंख़बा हुकूमतें अवाम के मसाइल हल करने से क़ासिर रही हैं। इस्लामी इन्क़िलाब ही मायूस अवाम को नजात दिला सकता है।

सैयद मुनव्वर हसन ने कहा कि पाकिस्तान को अवाम के साथ इंसाफ़ यक़ीनी बनाने के लिए जो भूक, बदउनवानी, नाक़िस हुक्मरानी, बेरोज़गारी, लाक़ानूनीयत , अश्या-ए-ज़रुरीया की क़ीमतों में इज़ाफ़ा, बर्क़ी तवानाई और ग़ियास की क़िल्लत और ऐसे ही दीगर कई मसाइल से परेशान हैं, इस्लामी इन्क़िलाब ही वाहिद रास्ता है। उन्हों ने सदर-ए-पाकिस्तान और वज़ीर-ए-आज़म पर सख़्त तन्क़ीद करते हुए कहा कि वो अवाम के मसाइल की यकसूई से क़ासिर हैं।

उन्हों ने मुस्लिम लीग (नवाज़) के सरबराह नवाज़ शरीफ़ को भी अवाम की पसमांदगी का ज़िम्मेदार क़रार दिया, क्योंकि अवाम ने उन की हुकूमत की भी ताईद की थी। उन्हों ने कहा कि अवाम दो सयासी पार्टीयों को बारी बारी बरसर-ए-इक़तिदार लाचके हैं और अब उन्हें मुतबादिल की तलाश है। ऐसा मुतबादिल सिर्फ़ इस्लामी इन्क़िलाब ही होसकता है। अमीर जमात ने फ़ौज और तालिबान अस्करीयत पसंदों के दरमयान मुज़ाकरात की ख़ाहिश ज़ाहिर की ताकि बरसों से जारी ख़ूँरेज़ी का ख़ातमा हो सके।

उन्हों ने कहा कि इस ख़ूँरेज़ी में 35 हज़ार अवाम और 5 हज़ार फ़ौजीयों की जानें ज़ाए हो चुकी हैं। अमरीका ने अफ़्ग़ान तालिबान से बातचीत का आग़ाज़ कर दिया है फिर पाकिस्तान को अपने ही अवाम से बातचीत करने में कौन सी मुश्किल दरपेश है।