सियासत आर्ट गैलरी के ज़ेर-एएहतेमाम सालार जंग म्यूज़ीयम में जारी नुमाइश इस्लामी ख़त्ताती का आज आख़िरी दिन होगा, और शाम 6 बजे तक अवाम को दाख़िले की इजाज़त रहेगी।
अहल हैदराबाद आख़िरी मर्तबा इस नुमाइश का मुशाहिदा करेंगे और फिर नुमाइश बैंगलौर के लिए रवाना होजाएगी। बैंगलौर में 14 सितंबर को इफ़्तेताह अमल में आएगा।
इस नुमाइश में हैदराबाद के बैन-उल-अक़वामी शौहरत के हामिल ख़त्तात नईम साबरी, अबदूल्लतीफ़, हाफ़िज़ अबदुलसत्तार, अबदुलना सर वक़ार, रफ़ी उद्दीन, रज़ी उद्दीन इक़बाल, नसीर सुलतान, ज़मीर उद्दीन निज़ामी,मुहम्मद अबदुलग़फ़्फ़ार, मुहम्मद अबदुलक़ादिर, जमुहम्मद फ़हीम और हाफ़िज़ अमीर उल-इस्लाम के फ़न्नी शाहकार नाज़रीन के लिए पेश किए गए।
मुल्क और बैरून-ए-मुल्क के तक़रीबन एक लाख से ज़ाइद नाज़रीन बलालहाज़ मज़हब ओ मिल्त इन फ़न्नी शाहकारों का मुशाहिदा किया और तारिफ की।
सयदा अमतुल मिराज कलमबंद करती हैंके नुमाइश क़ाबिल दीद है, ख़त्ताती वाक़ई दिल को छू लेने वाली है। अल्लाह उम्मत मुस्लिमा को अमल की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए।
ग़ौस मुही उद्दीन मक़बूल ( खिलवत ) लिखते हैंके क़ुरआन की आयात के साथ जो मनाज़िर पेश किए गए हैं इस से आयात सीधा दिल में उतर जाती हैं।
इस तरह की नुमाइश हर साल मुनाक़िद करते हुए लोगों के दिलों में ईमान की ताज़गी पैदा करें तो बेहतर होगा। समीरा उस्ताज़ सफ़दर ये गर्लज़ हाई स्कूल लिखते हैंके ख़ुदा हुस्न देता है तो नज़ाकत आ ही जाती है ख़ुदा का करम हैके नुमाइश अरबी और उर्दू को ज़िंदा जावेद करेगी जिस के लिए इदारा सियासत क़ाबिल मुबारकबाद है।
अस्मा लिखती हैंके ये हमारी ज़िंदगी के लिए यादगार लम्हा है, दुआ है कि आर्टिस्टों के फ़न को दिन बह दिन तरक़्क़ी दे और ख़ासकर नई नसल में फ़न ख़त्ताती का शौक़ देख कर बेहद ख़ुशी होती है।
डाक्टर शाहीन बानो लिखती हैंके नुमाइश माशा अल्लाह बहुत ख़ूबसूरत है, अल्लाह हमें ख़ुदा और रसूल (स०) के पैग़ाम को समझने और इस पर अमल करने की तौफ़ीक़ दे।
मुहमद(स०) पर जो दिल क़ुर्बान होते हैं
बेशक वो जन्नत के मेहमान होते हैं
डक्टर मुमताज़ बेगम लिखती हैंके ख़त्ताती का हर नमूना शाहकार है जो कुरआनी आयात से मुरस्सा है और ये नुमाइश हाल में चार चाँद लगाते हैं खसकर कारचोब के ज़रीये इस फ़न को पेश करना बेहद पसंद आया।