इस्लामी देशों का दहश्तगर्दी और सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ जंग का अह्द

इस्लामी तआवुन की तंज़ीम के रुक्न मुल्कों के आला तरीन रहनुमाओं की तुर्की के शहर इस्तांबूल में होने वाली दो रोज़ा सरब्राही कान्फ़्रैंस के इख़तेताम पर इन रियास्तों ने मिलकर दहश्तगर्दी और फ़िर्कावारीयत के ख़िलाफ़ जंग का अज़म ज़ाहिर किया है।

इस्तांबूल से जुमा 15 अप्रैल की शाम मिलने वाली न्यूज़ एजेंसी एसोसीएटड प्रेस की रिपोर्टों के मुताबिक़ 14 अप्रैल को शुरू हो कर कल जुमे को ख़त्म होने वाले इस्लामी तआवुन की तंज़ीम या OIC के इस इजलास की इख़तेतामी नशिस्त की सदारत मेज़बान मुल्क के सदर रजब तैयब उर्दूआन ने की।

समिट के इख़तेतामी घोषणा में वहां मौजूद मुल्कों के नुमाइंदों ने शाम और इराक़ के मुख़्तलिफ़ हिस्सों पर क़ाबिज़ दहशतगर्द तंज़ीम इस्लामिक स्टेट या दाइश की भरपूर मुज़म्मत की। साथ ही मुख़्तलिफ़ इलाक़ाई तनाज़आत में ईरान और मुख़्तलिफ़ ईरान नवाज़ तन्ज़ीमों और ग्रुपों के किरदार की भी मुज़म्मत की गई।

एसोसीएटड प्रेस ने लिखा है कि इस समिट के इख़तेतामी इजलास की सदारत करते हुए तुर्क सदर उर्दूआन ने अफ़सोस का इज़हार किया और कहा, ये एक हक़ीक़त है कि मुसलमान ममालिक ही इस तहज़ीब के वारिस हैं, जो अमन और इन्साफ़ के सुतूनों पर तामीर की गई थी।

लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि अब इन इस्लामी मुल्कों का ज़िक्र जंगों, मुसल्लह तनाज़आत, फ़िर्कावारीयत और दहश्तगर्दी की वजह से किया जाता है।