इस्लामी निज़ाम को अमली तौर पर पेश करने की ज़रूरत

मन्चरियाल, 13 फरवरी: आज बाद नमाज़े इशा जल्सा-ए-आम बउनवान आओ हम सब मिलकर बुराई मिटाएं मस्जिदे रहमान‌ के सामने ज़राअत नगर आरमोर में एक जलसा मुनाक़िद हुआ। इस जलसे की सदारती तक़रीर जनाब अहमद अबदुलहलीम नाज़िम इलाक़ा शुमाल तेलंगाना जमाते इस्लामी करते हुए बताया कि मुस्लिम समाज सूद, शराब,-ओ-बेहयाई की दलदल में फंसता जारहा है। समाज के अफ़राद सूद के जाल में फंस कर ख़ानदान की तबाही का बाइस बन रहे हैं।

इस्लामी ज़कात-ओ-सदक़ात के निज़ाम पर अमल पैरा ना होकर सूद ख़ोरों के ज़ुल्म का शिकार होरहे हैं। सूदी निज़ाम के मुक़ाबले इस्लामी निज़ाम को अमली तौर पर लोगों में पेश करने की ज़रूरत है। मुसलमानों की मईशत को मुस्तहकम करना उन्हें इस्लामी ख़ुतूत पर लाना उम्मते मुस्लिमा का फ़रीज़ा है और जनाब अबदुर्रहमान दावदी नाज़िम ज़िला जमाते इस्लामी ने सूद की तबाह कारीयां और इस्लामी हल के उनवान पर ख़िताब करते हुए कहा कि आज सूद का मनी बैंकिंग निज़ाम तबाही के दहाने पर है।

बताया कि अल्लाह तआला सूद का मुँह मार देता है और सदक़ात को प्रवान चढ़ाता है। सूदी निज़ाम ने कई लोगों की ज़िंदगियां तबाह करदी और कई मुमालिक का वेवालिया निकल चुका है। मौलाना जावेद बेग उमरी ने शराब और जुवा मुस्लिम समाज का सितम क़ातिल के उनवान पर तक़रीर करते हुए कहा कि अफ़सोस का मुक़ाम है मुस्लिम मुआशरे को शराब और जुवे की मरम्मत बताई जाये। शराब तमाम बुराईयों की जड़ है।

शराब के नशे में इंसान हैवानी सिफ़ात इख़तियार करके घर के अहल-ए-ख़ाना से बे परवाह होजाता है। मुफ़्ती नूर आलम मज़ाहरी ने रिश्वतखोरी का तज़किरा करते हुए ये तलक़ीन की कि लोगों के नाक़िस मुतालिबात को पूरा करने के लिए रिश्वत लेना हराम है। रिश्वत रुपये के इलावा दीगर तरीक़े से भी ली जारही है।

इस तरह बताया कि लोग शादी तए करने के लिए जहेज़ की रिश्वत ले रहे हैं। इस का समाज से तदारुक ज़रूरी है। इस तरह मौलाना कबीर मज़ाहरी बेपर्दगी बेहयाई पर ख़िताब किया और मौलाना मुतीउर्रहमान नोमानी ने मोमिन के अख़लाक़ के उनवान पर रोशनी डाली। इस तरह अबदुर्रहमान ख़ालिद अमीर मुक़ामी आरमोर जमाते इस्लामी के इख़तेतामी कलिमात पेश किए। मुहम्मद वाजिद की तिलावत-ओ-तर्जुमानी से प्रोग्राम का आग़ाज़ हुआ। निज़ामत हुसैन जाबरी इस प्रोग्राम में मुख़्तलिफ़ जमातों के रफ़क़ा-ओ-आरमोर और दीगर मुक़ामात के लोग मौजूद थे।