इस्लामी बैंकिंग की इजाज़त के लिए क़वानीन(नियम) में तरमीम(संशोधन)आर बी आई की ख़ाहिश

पडुचेरी, ०६ अक्तूबर (एजेंसीज़) रिज़र्व बैंक आफ़ इंडिया ने हुकूमत को मकतूब ( खत) रवाना करते हुए ख़ाहिश की है कि हिंदूस्तान में इस्लामी बैंकिंग की इजाज़त देने के लिए क़वानीन ( नियम) को अज़सर ए नौ तर्तीब ( सुधार) दिया जाय या फिर इन में तरमीम की जाय।

गवर्नर आर बी आई डी सुब्बा राव ने कहा कि इस्लामी बैंकिंग दुनिया के कई हिस्सों में इजाज़त याफ़ता है, लेकिन हिंदूस्तान के क़वानीन ( नियम कानून) इस से हम आहंग नहीं हैं, क्योंकि ये आर बी आई से सूद पर ना तो क़र्ज़ लेने की बैंकों को इजाज़त देता है और ना रक़म जमा करवाने की।

ताहम ( हालांकि) हुकूमत से मुरासलत (पत्र व्यवहार) की जा रही है कि इस्लामी बैंकिंग से हम आहंग करने के लिए क़वानीन ( नियम कानून) में कैसी तरमीम (Modification) की जानी चाहीए। फ़्रांस, जर्मनी और बर्तानिया जैसी योरोपी मईशतों में इस्लामी बैंकिंग की इजाज़त दी गई है।

मर्कज़ी वज़ीर-ए-क़ानून ( न्याय मंत्री) सलमान ख़ुरशीद ने हाल ही में मंसूबा बंदी कमीशन और आर बी आई को इस सिलसिले में मकतूब रवाना करने का इन्किशाफ़ ( ज़ाहिर) किया था। आर बी आई का मौक़िफ़ (दृष्टीकोण) ये है कि मौजूदा क़वानीन ( नीयमों) के तहत इस्लामी बैंकिंग की इजाज़त मुम्किन नहीं है, ताहम ( यद्वपी) हुकूमत से मुरासलत जारी है।

आर बी आई के तमाम आली ओहदादार बिशमोल ( जिसमें) डिप्टी गवर्नर्स सुबीर गोकारन, के सी चक्रबर्ती, आनंद सिन्हा और एच आर ख़ान पडुचेरी में बोर्ड के एक इजलास ( सभा) में शिरकत करने आए हुए थे और तलबा से तबादला-ए-ख़्याल के दौरान उन्होंने इसका इन्किशाफ़ ( खुलासा) किया। एच आर ख़ान ने कहा कि देही हिंदूस्तान ( हिंदुस्तान के गांव) में मोबाइल टेक्नोलोजी माली कारोबार में अहम है।