इस्लामी ममालिक में गैर मुस्लिमों पर हमलों की इजाज़त नहीं

सऊदी अरब के मुफ़्ती-ए-आज़म शेख अबदुल अज़ीज़ुल शेख़ ने इस्लामी ममालिक में रहने वाले गैर मुस्लिमों पर तशद्दुद और बाअज़ मुसलमानों को काफ़िर क़रार देते हुए उन पर किए जाने वाले हमलों की मुज़म्मत की है। सऊदी अरब के सरकारी ख़बररसां इदारा सऊदी प्रेस एजेंसी से आज जारी करदा बयान में शेख अबदुल अज़ीज़ुल शेख़ ने मुसलमानों को काफ़िर क़रार देने के अमल तक फ़ेरी नज़रिया के ख़तरात के ख़िलाफ़ ख़बरदार किया ।

अज़ीज़ुलशेख़ जो सिनीयनर उल्मा , साईंसी तहक़ीक़ और आफ्ता-ए-बोर्ड के सरबराह भी हैं, कहा कि ऐसे अमल से ख़ुद मुसलमानों का ख़ून बहता है और अपने मुल्कों में पुरअमन ज़िंदगी गुज़ारने वालों को तशद्दुद का सामना रहेगा । सऊदी मुफ़्ती-ए-आज़म ने कहा कि मुस्लिम ममालिक में वक़ूअ पज़ीर होने वाले ख़तरनाक वाक़ियात के पेश ए नज़र इस्लामी ममालिक में मुसलमानों के ज़ेर हिफ़ाज़त दीगर मुसलमानों और यँहा तक कि गैर मुस्लिमों पर हमलों के ख़िलाफ़ ख़बरदार कर रहा हूँ।

शेख अबदुल अज़ीज़ ने उम्मत मुस्लिमा को इस तख़रीब कारी-ओ-बग़ावत से महफ़ूज़ रखने अल्लाह तआला से दुआ की और फ़रमाया कि अल्लाह तआला तमाम मुसलमानों को क़ुरआन-ओ-हदीस के पर्चम तले मुत्तहिद रखे। उन्होंने कहा कि इंतेहापसंदों ने तकफ़ीर के नाम पर मुसलमानों को ही हलाक करने का तरीका इजाद कर लिया है और गैर मुस्लिमों को भी हलाक किया जा रहा है जो इस्लामी शरई एतबार से ख़ुद इन (मुसलमानों) की पनाह में हैं।

उन्होंने कहा कि आलम इस्लाम में तेज़ी के साथ शुरू करने वाले इन रुजहानात के दरमियान ये देखते हुए सख़्त तकलीफ़ होती है कि अक्सर इस्लामी ममालिक में इन रुजहानात के ज़रीया तकफ़ीर के नाम पर ख़ुद मुसलमानों का ख़ून करने और अपनी पनाह में मौजूद गैर मुस्लिमों को मौत के घाट उतारने के वाक़ियात में ख़तरनाक इज़ाफ़ा हो रहा है ।

मुल्की मुनाफ़िरत या नादानी‍ ओ‍ लाइल्मी की बुनियाद पर किए जाने वाले क़ौल-ओ-अमल से किसी और का नहीं बल्कि हरीस , लालची अनासिर और ख़ुद उम्मत ए मुस्लिमा के दुश्मनों का ही फ़ायदा हो रहा है । शेख अबदुल अज़ीज़ुलशेख़ ने क़ुरआन मजीद की मुतअद्दिद आयात और अहादीस नबवी ( स०अ०व०) का हवाला देते हुए कहा कि इस्लामी ममालिक में तकफ़ीर के नाम पर मुसलमानों के इलावा गैर मुस्लिमों पर हमलों की संगीनी के ख़तरात के ख़िलाफ़ उम्मत ए मुस्लिमा को ख़बरदार करना चाहता हूँ।

सऊदी अरब के मुफ़्ती-ए-आज़म ने कहा कि ख़ुदमुख़्तार इस्लामी ममालिक में रहने वाले गैर मुस्लिमों को इस्लामी शरई निज़ाम के तहत हुकूमत की तरफ़ से मुकम्मल तहफ़्फ़ुज़ की ज़मानत दी गई है, इस तरह मुस्लिम अक्सरीयती मुल्कों में गैर मुस्लिमों को ख़ुसूसी मौक़िफ़ दिया जाता है जो मुसलमानों के साथ अमन-ओ-सुलह का समझौता करते हैं।

शेख अबदुलअज़ीज़ ने इस ज़िमन में नबी करीम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा स०अ०व० की एक हदीस ए मुबारक का हवाला दिया कि इस्लामी मुल्क में मुआहिदा के पाबंद किसी गैर मुस्लिम शख़्स को हलाक करने वाले को जन्नत की बू भी मयस्सर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जो कोई भी मुसलमानों की पनाह-ओ-सरपरस्ती में आ जाता है उसकी जान , माल , इज़्ज़त आबरू की सलामती, मुसलमानों की ज़िम्मेदारी होती है और उसको किसी नाइंसाफ़ी का निशाना भी नहीं बनाया जा सकता।