इस्लाम अमन का मजहब नहीं : तस्लीमा नसरीन

दिल्ली : तस्लीमा नसरीन ने रविवार को चार ट्वीट किए। पहले ट्वीट में लिखा- “बांग्लादेश ग्लोबल टेरर में कॉन्ट्रिब्यूट करता रहा है।” “ढाका हमले के सभी आतंकी अमीर फैमिली से थे। वे काफी पढ़े-लिखे थे। कृपया यह न कहें कि गरीबी और कम पढ़ा-लिखा होना लोगों को इस्लामिक टेररिस्ट बनाता है।”
“इंसानियत के लिए ये न कहें कि इस्लाम अमन का मजहब है।” “इस्लामिक टेररिस्ट बनने के लिए आपको गरीबी, लिटरेसी, अमेरिकी पॉलिसी, इजरायल या साजिश की जरूरत नहीं है। आपको इस्लाम की जरूरत है।” बता दें कि तस्लीमा बांग्लादेश से बाहर भारत में निर्वासित जीवन जी रही हैं। उनके खिलाफ बांग्लादेशी कट्टर संगठनों ने फतवे जारी किए हैं। हसीना ने कहा था- ये कैसे लोग है? हमले के बाद बांग्लादेश पीएम शेख हसीना ने कहा था – “वे (हमलावर) किस तरह के मुसलमान हैं? उन्होंने रमजान के मैसेज को नकारा है और लोगों की हत्या की है। जिस तरह से उन्होंने लोगों की हत्या की है, वो बर्दाश्त करने के काबिल नहीं है। उनका कोई मजहब नहीं है। आतंकवाद ही उनका मजहब है।”