इस्लाम के ठेकेदार ही हैं इस्लाम के दुश्मन

इराक और सीरिया में हुक्मरानों और अमरीकी एजेंसियों के जरिए सुन्नियों पर हुए मजालिम के खिलाफ वजूद में आई आईएसआईएस धीरे‍ धीरे इतनी गुमराह हो गई कि उसमें शामिल लोगों को इंसान और मुसलमान दोनों नहीं कहा जा सकता। अमरीका और यूरोप के मुल्कों से इंतकाम लेने के नाम पर उन लोगों ने जो जुल्म शुरू किए हैं उससे बड़ी इस्लाम दुश्मनी और इंसानियत दुश्मनी की हरकतें हो ही नहीं सकती।

अगर यह लोग इंसान और मुसलमान होते तो किसी बेगुनाह की जान न लेते। लेकिन यह ऐसे दरिंदे हैं कि जार्डन के एक पायलट मआज अल कसासबाह को बगैर किसी गुनाह के जिंदा जला दिया। वह भी इतने वहशियाना और सफ्फाकाना तरीके से कि उसका वीडियो देखने वाला हर इंसान तड़प उठा। उन दरिंदो ने जार्डन के पायलट को पिंजरे में बंद किया। पिंजरा सबके सामने रखकर उसपर पेट्रोल बरसाया और आग लगा दी। इस किस्म की हरकत की इजाजत इस्लाम तो क्या दुनिया का कोई मजहब नहीं देता। इससे पहले उन लोगों ने केंजी गोटो समेत जापान के दो सहाफियों को गर्दन काट कर कत्ल किया था।

अगर कोई इस्लाम में यकीन रखने वाला है तो वह वादा खिलाफी नहीं करेगा, समझौता करके दगाबाजी नहीं करेगा और किसी बेगुनाह की जान नहीं लेगा। लेकिन आईएसआईएस के दरिंदो ने यह तीनों हरकतें की। इसके बावजूद वह खुद को इस्लाम का ठेकेदार बताते फिर रहे हैं। उन लोगों ने जार्डन के पायलट को जब पकड़ा था तो उसे रिहा करने के लिए शर्त रखी थी कि दहशतगर्दी में पकड़ी गई और जार्डन की जेलों में बंद दहशतगर्द साजिदा अल रिसाबी को रिहा किया जाए तो वह पायलट को छोड़ सकते हैं। जार्डन उनकी शर्त मानने को तैयार हो गया।

साजिदा अल रासबी की रिहाई का वक्त भी तय कर दिया लेकिन जब यह कहा कि उनके पायलट को सामने लाया जाए तो आईएसआईएस के लोग उसे सामने नहीं लाए तब यह हकीकत सामने आई कि आईएसआईएस के लोग झूट बोल रहे थे। वह कई दिन पहले पायलट की जान ले चुके थे। वह भी इतने भयानक तरीके से। आखिर में आईएसआईएस ने बीस मिनट का एक वीडियो जारी किया जिसमें पायलट को जलते हुए देखा जा सकता है।

दौलत-ए-इस्लामिया या दाअश या आईएसआईएस या आईएस की इस इंतेहाई सफ्फाकी और दरिंदगी के जवाब में जार्डन हुकूमत ने दो हजार पांच में यमन के एक होटल में बम द्दमाके करके साठ लोगों की जान लेने की वारदात में मुलव्विस साजिदा अल रसाबी को पायलट का वीडियो जारी होने के अगले दिन फांसी ही दे दी। साजिदा के साथ ही जैयद अल कारबोली को भी फांसी पर लटका कर आईएस को साफ पैगाम दे दिया है कि वह किसी भी तरह की द्दमकी या खौफ में आकर बेजा मतालबात नहीं मानेगी।

दोनों दहशतगर्दों को सजा-ए-मौत देने के बाद सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि जार्डन की जेलों में बंद आईएस के छः दहशतगर्दों को फांसी देने की तैयारी की जा रही है। दाअश की इन जालिमाना हरकतों से अरब मुल्कों में जो थोड़ी बहुत हमदर्दी बची थी उसमें भी तेजी से कमी आती जा रही है। उनके खिलाफ हुकूमतों और अवाम का दायरा तंग होता जा रहा है। पूरी दुनिया में दो जापानी सहाफियों हारोना यूकावा और केंजी गोटो के बहिमाना तरीके से कत्ल किए जाने की सख्ततरीन लफ्जों में मजम्मत की थी, पायलट के जिंदा जलाने की करतूत ने तो लोगों को आईएस के खिलाफ और मुश्तइल कर दिया है।

कतर के इंटरनेशनल एसोसिएशन आॅफ मुस्लिम स्कालर्स ने मआज अल कसासबह के कत्ल को मुजरिमाना फेअल करार दिया है। एसोसिएशन के सरबराह मुमताज आलिमे दीन यूसुफ अल करजावी ने कहा कि यह शिद्दतपसंद तंजीम इस्लाम की नुमाइंदा नहीं हो सकती। जार्डन के लोगों में मआज के कत्ल पर दाअश के खिलाफ शदीद गुस्सा पाया जा रहा है। जापान के दो सहाफियों के कत्ल पर जापानी सरकार ने भी अपना सख्त रद्देअमल जाहिर किया। वजीर-ए-आजम शिन्जो एबे ने कहा कि टोक्यो हुकूमत दहशतगर्दी को मुस्तरद करती है। उन्होंने अपने इस अज्म को फिर दोहराया कि जापान दहशतगर्दी के आगे नहीं झुकेगा।

उन्होंने कहा कि इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ने वाले मुल्कों की इमदाद में मजीद इजाफा किया जाएगा। याद रहे कि जापानी शहरियों को बंद्दक बनाए जाने की वजह आईएस ने यह बताई थी कि जापान उन मुल्कों की मदद कर रहा है जो दहशतगर्दी के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं। जापानी सहाफी केंजी गोटो को पिछले साल अक्टूबर में आईएस दहशतगर्दों ने उस वक्त पकड़ा था जब गोटो उनके कब्जे वाले इलाके में दाखिल हुआ था। पांच किताबों का मुसन्निफ केंजी गोटो फ्री लाँस जर्नलिस्ट था।

जो शोरिशजदा इलाकों में रहने वाले बच्चों की बदहाली की दास्ताने अपने कैमरे और अपनी तहकीकी रिपोर्टों को दुनिया के सामने पेश करके इंतेहाई खतरनाक काम को बड़ी बहादुरी से पेश करता था। सेरालोन के बच्चों के कर्बनाक हालात पर मबनी एक किताब दो हजार पांच में लिखी थी जिसकी खूब पजीराई हई थी। उस किताब का उनवान था -‘वी वांट पीस, नाट डायमण्ड’ (हम अम्न चाहते हैं हीरे नहीं) लेकिन गोटो का इस बात पर जोर रहता था कि वह जंगी रिपोर्टर नहीं है। गोटो का इसरार होता था कि हमारी स्टोरिया उन लोगों के लिए वक्फ हैं जो जंग जदा खित्तो के वासी है। जिनका ठिकाना पनाहगुजीं कैम्प हैं और यतीमी की जिंदगी गुजारने को मजबूर कर दिए गए हैं।

केंजी गोटो की बेवा रंेको जोगो और दूसरो के मुताबिक गोटो पिछले साल अप्रैल में हारूना युकावा की रिहाई के सिलसिले मंे गया था। आईएस के लोगों से मुसबत बात भी हुई थी। इसी यकीन के साथ वह फिर सीरिया गया जब उसे अक्टूबर में दाअश दहशतगर्दों ने बंद्दक बना लिया। मीडिया में आने वाले खबरों के मुताबिक आईएस दहशतगर्दों ने हारूना युकावा की रिहाई के बदले बीस लाख अमरीकी डालर का ताऊन मांगा था।

क्योंकि जापान सरकार ने आईएस के खिलाफ लड़ने वाले मुल्कों को बीस लाख अमरीकी डालर की इमदाद दी थी। दो हफ्तों तक रिहाई और तावान का ड्रामा चलता रहा। हारूना युकावा की रिहाई के लिए आईएस दहशतगर्दों ने 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। जब यह मुद्दत खत्म हो गई तो दहशतगर्दों ने बिल्कुल उसी तरह युकावा को कत्ल किया जैसे इससे पहले उन्होंने ब्रिटिश सहाफी डेविड हेंस, अमरीकी इस्राईली जर्नलिस्ट स्टीवन साटलोफ, सालफोर्ड के टैक्सी ड्राइवर एलिन हेनिंग और फ्रीलांस जंगी रिपोर्टर जेम्स फोले को कत्ल किया गया था।

केंजी गोटो को कत्ल किए जाने वाले सरसठ सेंकण्ड के वीडियो में दिखाया गया है कि काले लिबास में मलबूस दहशतगर्द अपने इकदाम को पच्छिमी दुनिया के लिए ‘‘डरावना ख्वाब’’ करार देते हुए धमकी देता है कि पूरी फौज तुम्हारे खून की प्यासी है। फिर यही दहशतगर्द जापान के वजीर-ए-आजम शिन्जे एबे की हुकूमत को मुखातिब करते हुए कहता है ‘‘तुम्हारी जंग में शिरकत के सबब सिर्फ केंजी गोटो की जान नहीं ले ली बल्कि यह तुम्हारी कौम का पीछा करेगी।’’

अपनी धमकी के आखिरी जुमले में दहशतगर्द जापानियों को मुखातिब करता है ‘‘जापानियों! अब तुम्हारा डरावना ख्वाब शुरू होता है।’’ इससे पहले जारी किए गए वीडियो में एक शख्स ने द्दमकी दी थी कि गोटो की जिंदगी के सिर्फ चैबीस घंटे बचे हैं और अगर जार्डन ने अलकायदा खुदकुश बमबार साजिदा अल रसाबी को रिहा नहीं किया तो जार्डन के बाशिंदे मआज अल कसासबा के पास इससे भी कम वक्त है।

दाअश की यह द्दमकी मिलने के बाद जार्डन के पायलट के रिश्तेदारों और हामियों ने अमान में वजीर-ए-आजम के दफ्तर के बाहर मुजाहिरा किया था और उन पर दौलत-ए-इस्लामिया के मतालबे को पूरा करने के लिए जोर दिया था। पायलट मआज के वालिद शफीक अल कसासबा ने कहा था कि मआज के तहफ्फुज का मतलब जार्डन का इस्तेहकाम है और मौत का मतलब इंतशार है।

कहा जा रहा है कि आईएसआईएस ने अमरीका और पच्छिमी मुल्कों की तरफ से मिडिल ईस्ट में ढाए जाने वाले मजालिम के खिलाफ जो मुहिम छेड़कर दिलजले मुसलमानों की हिमायत हासिल की थी उसमें लगातार कमी आती जा रही है। दौलत-ए-इस्लामिया के जरिए खिलाफत कायम करने का शोशा छोड़ने वाले न सिर्फ इंतेहाई सफ्फाकाना बरबरियत आमेज कार्रवाइयां अंजाम दे रहे हैं बल्कि इसी खिलाफत के बहाने वह द्दन उगाही का द्दंद्दा चमकाने में लगे हुए हैं।

उनके करतूतों की सारी दुनिया में मजम्मत हो रही है यही दाअश की परेशानी की सबसे बड़ी वजह है।
दहशतगर्द ग्रुप इस्लामिक स्टेट की तरफ से जार्डन के बंद्दक बनाए गए पायलट को जलाकर हलाक कर देने की वीडियो जारी करने के बाद मिडिल ईस्ट में शदीद गम व गुस्सा पाया जा रहा है। इस्लामिक स्टेट के इस गैर-इंसानी अमल पर न सिर्फ मजहबी और सियासी लीडरों की तरफ से शदीद मजम्मत की जा रही है बल्कि बाज की तरफ से इस दहशतगर्द ग्रुप से बदला लेने का भी मुतालबा किया गया है।

जार्डन के पायलट मआज अल कसासबा का एफ-16 हवाई जहाज दिसम्बर मंे सीरिया में उस वक्त गिर कर तबाह हो गया था जब वह एत्तेहादी मुल्कों की तरफ से इस्लामिक स्टेट के खिलाफ एक आपरेशन में शरीक था।

मुस्लिम उलेमा ने सीरिया और इराक में इस पायलट को जिंदा जलाए जाने की शदीद मजम्मत की है। मिस्र में एक हजार साल पुराने इस्लामी मरकज जामिया अल अजहर की तरफ से कहा गया है कि असकरियत पसंदो को खुदा और पैगम्बरे खुदा के दुश्मन होने की वजह से कुरआनी सजा दी जानी चाहिए जिसमें सूली पर चढ़ाकर कत्ल कर देना चाहिए या फिर उनके बाजू काट देना शामिल है।

जामिया अल अजहर के खतीबे आला अहमद अल तैयब की तरफ से जारी बयान के मुताबिक इस्लाम मासूम लोगों को कत्ल करने की मनाही करता है। इसी तरह सउदी अरब के आलिम सलमान अल ऊदा ने जिंदा जलाने के अमल को गैर इस्लामी करार देते हुए इसे काबिले नफरत कहा है। इससे पहले इस्लामिक स्टेट ने ट्वीटर पर एक फतवा जारी किया था कि इस्लाम में मुलहिद की सजा उसे जला देना या कत्ल कर देना है।

सउदी शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज ने भी इस कत्ल की शदीद मजम्मत की है। इस वाक्ये की मजम्मत उन खलीजी अरब मुल्कों की तरफ से भी की गई है जो सभी अमरीका के करीबी हलीफ हैं। मुत्तहिदा अरब अमीरात के फारेन मिनिस्टर शेख अब्दुल्लाह बिन जैद अल नेहयान ने जार्डन के पायलट के कत्ल की मजम्मत करते हुए दहशतगर्दी और इंतिहदापसंदी के खिलाफ जंग जारी रखने के अज्म का इजहार किया। कतर ने भी यह कहते हुए इस वाक्ये की मजम्मत की है कि यह कत्ल इस्लाम के रवादारी पर मबनी उसूलों, इंसानी कद्रों और इंटरनेशल उसूलों और जाब्तों की खिलाफवर्जी है।

मुस्लिम अक्सरियती तुर्की के सदर रजब तैयब अरदगान ने पायलट को जिंदा जलाने के अमल को एक ऐसा वहशियाना अमल करार दिया जिसकी इस्लाम में कोई गुंजाइश नहीं है। हमारे अजीज बेटे के साथ जो कुछ हुआ उसका जवाब जार्डन और उसकी फौज की तरफ से बहुत ही सख्त होगा।

जार्डन के शाह अब्दुल्लाह सानी ने पायलट के कत्ल पर इस अहद का इजहार किया है कि इस्लामिक स्टेट को इसका सख्त जवाब दिया जाएगा। खबरों के मुताबिक जार्डन के बादशाह का कहना था कि शहीद मआज अल का खून बेकार नहीं जाएगा। अब्दुल्लाह सानी मआज के कत्ल की वीडियो जारी होने के बाद अपना वाशिंगटन का दौरा मुख्तसर करके वतन वापस पहुंचे और उन्होंने चार फरवरी को फौज और सिक्योरिटी हुक्काम के साथ खुसूसी मुलाकात की।

जार्डन के सियासतदां मोहम्मद अल रोसान टेलीविजन पर यह बताते हुए रो दिए कि कैसे उन्होंने अल कसाकसासबा की मौत के मंजर को देखा। उन्हांेने कहा कि ऐसे लोग भी जो आमतौर पर तशद्दुद के मनाजिर को देखने के आदी होते हैं यह बरदाश्त न कर सके कि कैसे एक शख्स को जिंदा जलाया जा रहा है। फिर अचानक अल रोसान का गम गुस्से में बदल गया और वह चीख कर कहने लगे हमें भी उनके खिलाफ उन्हीं के तरीके इस्तेमाल करने चाहिए।

आओ हम उनके बच्चों को हलाक कर दें। आओ हम उनकी औरतों को मार डालें।

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