इस्लाम को समझने के लिए ब्रिटेन के मुसलमानों ने 150 से ज्यादा मस्जिदों के दरवाज़े खोले

लंदन: ब्रिटेन में 5 फरवरी को तीसरा वार्षिक ‘विजिट माई मोस्क’ का आयोजन हो रहा है. उम्मीद की जा रही है कि इस अवसर पर हजारों की तादाद में ब्रिटिश, मुस्लिम और गैर-मुस्लिम ‘मुसलमान और इस्लाम’ से जुड़े सवालों का जवाब जानने के लिए ज़रूर आएंगे

वहीँ इस साल के आयोजन में 150 से अधिक मस्जिदें लंदन के अलग-अलग हिस्सों से भाग लेगीं. इसका मकसद मीडिया द्वारा इस्लाम के बारे में फैलाए गए भ्रांतियों को दूर करना है. यह आयोजन ठीक ऐसे समय पर हो रहा है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शरणार्थियों और सात मुस्लिम देशों के लोगों को अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

इस आयोजन के बारे में मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन के महासचिव हारून खान ने बताया , “जिस तरह से मुसलमानों को लेकर ट्रंप ने बैन लगाया और कनाडा की मस्जिद में जिस तरह सामुहिक हत्याएं हुई, उसके बाद एक जहरीला माहौल बन गया है। हम लोग मिलकर उसी का हल ढुंढ रहे हैं.”

उन्होंने यह भी कहा कि रविवार 5 फरवरी को हो रहे इस आयोजन के जरिए ब्रिटिश नागरिकों, मुसलमानों और गैर-मुस्लिमों के बीच भाईचारा बढ़ाने का काम किया जाएगा.

ब्रेडफोर्ड कॉसिल फॉर मोस्क्स के प्रवक्ता इश्तियाक अहमद ने कहा, “मैं मानता हूं कि ब्रेडफोर्ड के लिए यह बहुत जरूरी है. इससे गैर-मुसलमानों को समझ में आ सकेगा की मस्जिदों में दरअसल क्या होता है.”

श्तियाक ने आगे कहा कि मस्जिदें नमाज पढ़ने की और शिक्षा की जगह हैं. इसलिए मुझे लगता है कि लोगों को इसके बारे में जानना चाहिए कि मस्जिदों में क्या होता है। यह आयोजन मुसलमानों और गैर-मुस्लिमों के बीच आपसी भाईचारे को बढावा देगा.