इस्लाम पत्थरबाजी जैसे हिंसा की शिक्षा नहीं देता है- CM महबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी में चेन्नई निवासी युवक की मौत ने जम्मू कश्मीर का राजनैतिक माहौल गर्मा दिया है। पत्थरबाजी में चेन्नई के 22 साल के युवा की मौत ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पत्थरबाजों के प्रति अपनी नीति बदलने पर बाध्य कर दिया है।

अब घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं पर मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है और इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने की बात कही है। माना जा रहा है कि आज इस मुद्दे पर होने वाली सर्वदलीय बैठक में सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।उधर अलगाववादियों ने शेर-ए-कश्मीर कॉफ्रेंस सेंटर में होने वाली इस बैठक का बहिष्कार किया है।

बता दें कि बीते सोमवार को कश्मीर के नारबल इलाके में चेन्‍नई से आए पर्यटकों का एक दल उपद्रवियों द्वारा की जा रही पत्थरबाजी की चपेट में आ गया था।

इसमें चेन्नई का एक युवक घायल हो गया था जिसकी बाद में मौत हो गई थी।पुलिस ने कहा है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही हत्यारों की पहचान कर ली जाएगी।

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पथराव में 22 वर्षीय तमिल युवक की मौत को ‘मानवता की हत्या’ बताया और कहा कि ‘इस घटना ने उनके अंदर की मां को झकझोर दिया है।’

चेन्नई निवासी 22 वर्षीय युवक तिरुमणि की पत्थरबाजों द्वारा हत्या के बाद पीड़ित पिता से मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पत्थरबाजों का कोई धर्म नहीं होता है।

युवक की मौत पर दुख जाहिर करते हुए मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के इतिहास में यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। कश्मीरी प्यार बाटने में यकीन करते हैं लेकिन अब घाटी में नफरत का जहर बोया जा रहा है। उन्होंने पत्थरबाजों से पूछा कि कब तक हम मानवता की हत्या को चुपचाप देखते रहेंगे।

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा “हम अपने बच्चों को कौन सी शिक्षा दे रहे हैं कि लोग पत्थर उठाकर सड़क पर दौड़ रहे हैं और किसी भी व्यक्ति को मार देते हैं।क्या यही हमारा कलचर है।”

जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग किसी को मारने के लिए पत्थर उठा सकते हैं उनका कोई धर्म नहीं होता है। क्योकि दुनिया का कोई भी मजहब यह शिक्षा नहीं देता।

पत्थरबाजों के मुसलमान होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस्लाम इस तरह की हिंसा की शिक्षा नहीं देता।उधर इस घटना की कश्मीर के सभी दलों और संगठनों ने निंदा की है।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस घटना की कड़ी निन्दा की है और इसे कश्मीर के लिए शर्मिंदा करने वाली घटना बताई है।