फलाहे उम्मत गर्ल्स डिग्री कालेज व मदरसा फलाहुल मोमिनात के जेरे एहतमाम दो रोज़ा सालाना फलाहे इंसानियत कांफ्रेन्स का हफ्ते के रोज़ से आगाज हुआ। इस दौरान कालेज की तालिबात व बाहर आई आलिमात ने अलग अलग मौजू पर तकरीर की।
प्रोग्राम का आगाज तैयबा खानम ने तिलावते कुरआन व तर्जुमा से किया तो रूबी नाज ने हम्द के ज़रिये अल्लाह की तारीफ बयान की। तालिबा मंतशा हयात ने पड़ोसी के हकूक के मौजू पर अंग्रेजी में तकरीर की। कहा कि इस्लाम पड़ोसियों के साथ बेहतर बर्ताव करने का हुक्म देता है। पड़ोसी भूखा सो रहा है तो उसका ख्याल रखना आपकी जिम्मेदारी बनती है।
जाहिलाना रस्म दहेज व उसकी हकीकत के मौजू पर तकरीर करते हुए अनम फैयाज ने कहा कि यह समाज के व माअशरे के लिए कैंसर से भी खतरनाक बीमारी है। मरियम शकीला ने औरत व पर्दा के मौजू पर खिताब करते हुए कहा कि औरतों को परदे में रहना चाहिए। बेपर्दा औरतें मुरझाए हुए फूल की मानिंद हो जाती हैं।
आफरीन नाज ने अंग्रेजी में खिताब किया तो इलाहाबाद से आईं अंबरीन शुहेब ने जिक्र के फजाएल मौजू पर अपनी राय रखी। तकवा इस्लामिक स्कूल इलाहाबाद की दर्जा (क्लास) तीन की तालिबा अफीफा वस्फी ने अंग्रेजी में जिहाद का मतलब समझाया।
इलाहाबाद की आसमां अंसारी ने नफ्स परस्ती, सालेहा बेगम ने जिहाद व फिन नफ्स, आजमगढ़ से आईं सलमा सालेहाती ने औलाद की तरबियत में वालिदैन का रोल, आमना नसरीन ने खुद को व अपने खानदान को आग से बचाओ के मौजू पर तकरीर की। इस मौके पर गहाना, शिखा व शाहीन ने नाते पाक का नजराना पेश किया।
फलाहे इंसानियत प्रोग्राम में कालेज की तालिबा अमृता यादव ने पैगंबरे इस्लाम की मक्के से हिजरत व मदीने की तारीख पेश कर लोगों को हैरत में डाल दिया। उसने बताया कि पैगंबरे इस्लाम ने दुनियां को ऐसी रौशनी दिखाई जिसका जलवा रहती दुनियां तक कायम रहेगा। इसी तरह उसने मदीने की तारीख पर तफ्सीली रौशनी डाली।
—————बशुक्रिया: दैनिक जागरण