मुफ़क्किर इस्लाम फ़ज़ीलतुल शेख़ हज़रत सैयद सलमान हुसैनी ने कहा कि रबबे कायनात ने नबी आखिरुज़्ज़मां हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाह अलैहि सल्लम को रहमतल्लिल आलमीन बनाकर मबऊस फ़रमाया। सहाबा किराम रिज़वान उल्लाह अलैहि अजमईन ने इस्लाम के आफ़ाक़ी पैग़ाम को दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
अगर उन्हें अमरीका में इंसानी वजूद का पता चल जाता तो वो अमरीका को भी तसख़ीर कर डालते। आज बनी नू इंसान का एक बड़ा तबक़ा इस्लाम की हक़्क़ानियत से आगाह है और ना ही ज़ात मुस्तफ़वी सल्लल्लाह अलैहि सल्लम के होने से वाक़िफ़ है तो इस में उस का क़सूर नहीं बल्कि सरासर कोताही और ग़फ़लत हमारी ही है कि हम ने रब्बानी अहकामात से बनी आदम को वाक़िफ़ करवाने की अपनी ज़िम्मेदारीयों को निभाने से क़ासिर हैं।
हज़रत सैयद सलमान हुसैनी नदवी कल शाम चंचलगुड़ा जूनियर कॉलेज ग्रांऊड पर एक इजलास आम “इस्लाम का पैग़ाम, इंसानियत के नाम” से ख़िताब कर रहे थे जिस की सदारत मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद अब्दुल मग़नी मज़ाहरी सदर सिटी जमई उल्मा ग्रेटर हैदराबाद ने की।
जब उम्मत में कोई रसूल आने वाला नहीं है और उल्मा दाई, मिबल्लिग़, मुजद्दिद और दीन के अलमबरदार अंबिया की नियाबत करते हुए सारी इंसानियत पर हुज्जत पूरी कर देंगे, रिसालत की अमानत मुंतक़िल कर देंगे तो जो ढिटाई के साथ जो नहीं मानेगा ख़ालिक़े कायनात उसे तहस नहस कर देगा। जल्से से प्रोफ़ेसर राशिद नसीम नदवी और दूसरों ने भी मुख़ातब किया। मौलाना मुसद्दिक़ अल क़ासिमी ने निज़ामत के फ़राइज़ अंजाम दिए।