इस्लाम सिर्फ मज़हब नहीं बल्कि तरीके हयात भी है

इस्लाम मुकम्मिल निज़ाम हयात है। इस्लाम ज़िंदगी जीने का सही तरीका सिखाता है। इस्लाम मज़हब को अपना कर आदमी अपनी पूरी ज़िदगी को मुनाव्वर कर सकता है। चूंके इस्लाम सिर्फ मजहब ही नहीं बल्कि तरीके हयात भी है। ये बातें मशहूर आलिमे दिन व पीरे तरीक़त मौलाना अहमद नज़र बनारसी ने ब्राइट करीयर इंग्लिश स्कूल गोड्डा में मुनक्कीद इस्लाम के मौजू पर तरबियती कैंप से खिताब करते हुये कहें।

मौलाना नसर बनारसी ने लोगों से खिताब करते हुये कहा के इस्लाम में पाक माल के इस्तेमाल पर ज़ोर है और हराम माल से गुरेज़ करने की हिदायत है। आज जिस तरह के बदउनवानी का दौर है ऐसे में इस्लाम के उसूल पर चलने से ही बद उनवानी का खत्मा मुमकिन है। उन्होने का कहा के अल्लाह को मानने वालों को हलाल रिज्क की तलाश में सरगरदां रहना चाहिए और हराम रिज्क से बचने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। क्योंके अगर हराम माल के अपने जिश्म और अपने कुनबे की परवरिश करेंगे तो सिवाए खसारा के और कुछ हाथ नहीं आएंगे ।

उन्होने इस्लाम को अपनाने में तालीम को अहम करार दिया और कहा के अगर आप तालीम याफ़्ता होंगे तभी इस्लाम को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।

इस मौके पर ब्राइट कैरियर इंग्लिश स्कूल के डाइरेक्टर और साबिक़ सार्जेंट मोहम्मद तौकीर उसमानी ने भी अपने खयालात का इज़हार करते हुये कहा के हमें इस्लाम के बताए हुये रास्ते पर चलना चाहिए क्योंके कामयाबी की यही वहीद राह है।