इस बार भी हुई झारखंड की अनदेखी

झारखंड के कारोबारियों ने रेल बजट पर मिलीजुली तनकीद की है। उन्होंने कई ट्रेनों में ई-कैटरिंग सर्विस शुरू करना, बायो टायलेट बनाने की एलान, खातून डब्बों में सीसीटीवी कैमरा लगाने की ऐलान का इस्तकबाल किया है। इससे इधर झारखंड को हर बार की तरह इस बार भी नयी ट्रेन नहीं मिलने पर एतराज़ जतायी है। उन्होंने कहा कि झारखंड से 14 एमपी हैं, फिर भी झारखंड के लिए रेल बजट में कुछ नहीं होना एमपी की काम काज पर सवालिया निशान खड़ा करता है।

रेल वज़ीर ने यह बताने की कोशिश की है कि रेलवे पहले अपनी बुनियादी इंफरस्टरकचर को ठीक कर ले, फिर नयी ट्रेनों और बुलेट ट्रेन की मंसूबा पर काम करे। स्टेशन और गाड़ियों को कंपनियों का नाम देने से रेलवे को आमदनी में इजाफा होगा। दीगर एलानात भी इसतबकाल के काबिल हैं।

रतन मोदी, सदर , चेंबर

पुराने वायदों को भूलते हुए, नये वायदों का रेल बजट पेश किया गया है। वजीरे आजम के सपने बुलेट ट्रेन को बजट में नहीं बताया है। रेल बजट से झारखंड को बहुत उम्मीद थी। फिर भी हमारे एमपी को नयी ट्रेन दिलाने का एक मौका मिला है। एमपी कोशिश करें कि वे झारखंड को कुछ नयी ट्रेनें दिला सकें।

विनय अग्रवाल, नायब सदर, चेंबर

पीपीपी मोड पर रेलवे को ले जाने से रेलवे के साथ-साथ लोगों को भी फायदा होगा। रेल के शोबे में झारखंड सबसे ज्यादा आमदनी देता है, फिर भी हर बार की तरह इस रेल बजट में भी झारखंड की अनदेखी की गयी है। ऐसा लगता है रेलवे झारखंड को अपने नक्शे पर लेता ही नहीं।

कुणाल अजमानी, नायब सदर, चेंबर

रेल वज़ीर ने मुल्क की आवाम के साथ धोखा किया है। गुजिशता बजट में कहा गया था कि रेल किराये में फ्यूल एडजस्टमेंट कंपोनेंट लागू रहेगा, इसके मुताबिक डीजल के दाम कम होने पर रेल किराये में कमी होनी चाहिए थी। रेल बजट में सेक्युर्टी, सहूलत बढ़ाने के लिए जरूरी तजवीजों का मैनेजमेंट हुआ है, लेकिन रेल के जाल को बढ़ाने की तरफ जेहन नहीं दिया गया है।

प्रदीप कुमार जैन, कारोबारी

बजट में थ्री टियर और आम अवाम के लिए ऑनलाइन जनरल टिकट की बुकिंग की शुरुआत करना खैर मखदम है। रेल वक़्त पर चले और मुसाफिरों की सेक्युर्टी और सहूलत मिले, इसका भी ख्याल रखा गया है।
किशोर मंत्री, कारोबारी