कतर में काम कर रहे 600 से ज्यादा मजदूरों का हाल बेहाल है। बताया जा रहा है कि यहां निर्माण काम में जुटे 600 से ज्यादा भारतीय मजदूरों को पिछले 6 महीने से सैलरी नहीं मिली है। सैलरी मांगने पर उन्हें काम से हटा दिया गया और अब इनके वीजा की अवधि भी खत्म हो गई।
बताया जा रहा है कि ये सभी मजदूर यहां श्रमिक शिविरों में रह रहे हैं जहां बुनियादी सुविधाओं तक का अभाव है। इनमें से कई ऐसे मजदूर हैं तो यहां पिछले 8-10 सालों से काम कर रहे हैं और अब इनके सामने दो वक्त की रोटी की समस्या खड़ी हो गई है।
गौरतलब है कि 2022 में फीफा वर्ल्ड कप का कतर में आयोजन होगा। इसके लिए यहां बड़े पैमाने पर कंस्ट्रक्शन के लिए मजदूरों की जरूरत है। इन मांगों के देखते हुए भारी तादाद में भारतीय कंस्ट्रक्शन उद्योग में काम कर रहे हैं। लेकिन उन्हें वक्त पर मजदूरी नहीं मिलने और मूलभूत सुविधाओं के अभाव में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बात दें कि कतर में काम कर रहे भारतीय मजदूरों समेत अन्य आप्रवासी मजदूरों की स्थिति को लेकर वहां की सरकार की कई बार आलोचना भी चुकी है लेकिन इन मजूदरों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
एक भारतीय अधिकारी का कहना है कि कुछ कंपनियों में 300 से ज्यादा मजदूरों के निकाल दिया गया है जो यहां 8-10 साल से काम कर रहे हैं। कंपनी ने इन लोगों को मुआवजा तक नहीं दिया है। साथ ही उनका कहना वीजा की अवधि खत्म होने के कारण ये लोग अपना इलाज कराने के लिए अस्पताल तक नहीं जा पा रहे हैं।