एक मुस्लिम देश में है दुर्गा का मंदिर, जहां सालों से पवित्र अग्नी लगातार जल रही है

बाकू : अजररबैजान में मां दुर्गा का करीब तीन सौ साल से भी पूराना मंदिर है। जहां 95 प्रतिशत सिर्फ मुस्लिम आबादी है। लेकिन इस देश के सुरखानी में मां दुर्गा का ऐसा मंदिर है जिसे जानकर आपको हैरत होगी। दरअसल अजरबैजान के इस दुर्गा मंदिर में पिछले कई सालों से पवित्र अग्नी लगातार जल रही है। हालांकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सलाना 15 हजार ही है।

पिछले कई सालों से लगातार जलती आ रही पवित्र अग्नी के वजह से इस मंदिर को टेंपल ऑफ फायर के नाम से जाना जाता है। जैसा की आप जानते हैं कि हिन्दू धर्म में अग्नी को बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए यहां जल रही ज्योति को साक्षात भगवती का रूप माना गया है। यहां एक प्राचीन त्रिशूल भी स्थापित है। मंदिर की दीवारों पर गुरुमुखी में लेख अंकित हैं। वहीं, मंदिर में प्राचीन वास्तुकला का उपयोग किया गया है।

ऐसा माना जाता है कि कई सालों पहले भारतीय कारोबारी इस रास्ते से होकर जाते थे। ऐसे में इन लोगों ने इस मंदिर को बनवाया था। इतिहासकारों के मुताबिक, इसे बुद्धदेव नाम के किसी शख्स ने बनाया था, जो हरियाणा के मादजा गांव के रहने वाले थे। वहां मौजूद एक अन्य शिलालेख के मुताबिक उत्तमचंद व शोभराज ने भी मंदिर निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी।

इस रास्ते से होकर गुजरने वाले ज्यादातर भारतीय व्यापारी इस मंदिर में अपना मत्था जरूर टेकते थे। वहीं, मंदिर के पास बने कोठरियों में ये व्यापारी विश्राम करते थे। बताया जाता है कि ईरान के लोग भी यहां पूजा करने आते थे। ऐसा कहा जाता है कि 1860 ई. में यहां से पुजारी चले गए। इसके बाद फिर कोई पुजारी यहां लौटकर नहीं आया। तब से इस मंदिर में श्रद्धालुओं का आना भी खत्म हो गया।

अजरबैजान की सरकार ने इस मंदिर को 1975 में स्मारक बना दिया। 1998 में इसे यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स के लिए नॉमिनेट किया गया था। इसके बाद वहां की सरकार ने 2007 में इस मंदिर को हिस्टॉरिकल आर्किटेक्चर रिजर्व घोषित कर दिया।