इस साल जम्मू-कश्मीर में मरने वाले जवानों की संख्या में 80 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी

भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करके 28 सितंबर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से जम्मू-कश्मीर में स्थिति पहले से ज्यादा बिगड़ी है। इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जम्मू-कश्मीर में 33 भारतीय जवानों की जानें जा चुकी हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान द्वारा सीजफायर के उल्लंघन में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत ने 18 सितंबर को राज्य के उरी स्थित आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की थी। उरी हमले में 19 भारतीय जवान शहीद हुए थे।

भारत के गृह मंत्रालय द्वारा लोक सभा में पेश किए गए के आंकड़ों के अनुसार इस साल 27 नवंबर तक जम्मू-कश्मीर में 71 भारतीय सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। साल 2015 की तुलना में ये संख्या 82 फीसदी ज्यादा है। साल 2015 में जम्मू-कश्मीर में 39 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। इस साल जम्मू-कश्मीर में मारे जाने वाले सुरक्षकर्मियों की साल 2013 के 53 के बाद सबसे ज्यादा रही।

जम्मू-कश्मीर में घायल होने वाली सुरक्षकर्मियों की तादाद भी पिछले साल से करीब दोगुनी हो गई है। साल 2016 में सूबे में आतंकी वारदातों में घायल होने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या 305 रही जबकि 2015 में ये संख्या 208 थी। पिछले साल की तुलना में घायल होने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या में 47 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

पिछले साल की तुलना में साल 2016 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों की संख्या भी काफी बढ़ गई है। हालांकि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में मारे जाने वाले आम नागरिकों की संख्या साल 2015 के मुकाबले में 18 फीसदी कम हुई है। वहीं आतंकी हमलों में घायल होने वाली की संख्या पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत कम हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार छह दिसंबर 2016 तक सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में 140 आतंकवादियों को मार गिराया।