इस AMU स्टूडेंट की पीएम मोदी से गुज़ारिश: “इस्लाम में हराम है सूदखोरी, बैंक खातों में मुस्लिमों को न दिया जाए ब्याज”

ऐसा पहली बार नहीं है कि देश में सरकार के सामने यह मांग उठाई गई हो कि देश के बैंकिंग सिस्टम में मुस्लिम समाज की मान्यताओं के मुताबिक ” हलाल अकाउंट ” खोले जाएँ। लेकिन शायद यह पहली बार हो रहा है कि देश के एक स्टूडेंट ने प्रधानमन्त्री और रिज़र्व बैंक को चिट्ठी लिखकर गुज़ारिश की हो कि देश के मुसलमानों के लिए ऐसे खाते खोले जाने चाहियें।

इस्लाम, जिसमें साफ़ साफ़ शब्दों में लिखा है कि उसको अल्लाह को मानने वालों के लिए सूदखोरी हराम है को ध्यान में रखते हुए अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के टैक्सेशन का डिप्लोमा कर रहे मलिक फैसल नाम के स्टूडेंट ने प्रधानमंत्री मोदी को देश के बैंकिंग सिस्टम में “हलाल बैंक एकाउंट्स” शुरू करने की गुज़ारिश की है।

फैसल ने लिखा है कि ब्याज के तौर पर मिलने वाले पैसे को स्वच्छ भारत अभियान, गरीब और शहीद सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए काम में लाये जाने चाहियें। ऐसा करने से जहाँ मुसलमान अपने मजहब के मुताबिक सूद न लेकर हराम (पाप) करने से बचे रहेंगे वहीँ देश के लोगों को भी इसका फायदा पहुंचेगा।

इसके इलावा फैसल ने देश के और मुसलमानों से भी भी अपील की है कि देश की सरकार को इस तरह की अपील करें ताकि देश में यह सिस्टम लागू हो सके।