इक़्तेसादी मदद से यतीम बच्चों की होगी ‘परवरिश’

अब यतीम मुन्ना और मुनिया की परवरिश आसान होगी। इसके लिए हुकूमत ‘परवरिश’ के जरिये इन बच्चों की इक़्तेसादी मदद करेगी। समाज बोहबुद महकमा के तहत ‘परवरिश’ नामी मंसूबा की शुरुआत की गयी है।

इसके तहत हुकूमत ऐसे बच्चों की मदद करेगी, जो यतीम और एचआइवी एड्स से मुतासीर होंगे, साथ ही जिनके वालिदैन माज़ूर होंगे। इनकी परवरिश के लिए हर महीने 900 से 1000 रुपये की इक़्तेसादी मदद की जायेगी। इससे बच्चों की परवरिश सही से हो सकेगा। इसकी जिम्मेवारी आंगनबाड़ी की सीडीपीओ और अनुमंडल ओहदेदार को दी गयी है।

इनके तरफ से ‘परवरिश’ का दरख्वास्त गुज़ार जमा कर फाइदा दिया जाने वालों को फाइदा मिलेगा। इसके लिए हर जिले में नोडल ओहदेदार की तरफ से मंसूबा की मॉनीटरिंग की जायेगी, वहीं असिस्टनेट बच्चे की तहफ्फुज ओहदेदार बच्चों की मॉनीटरिंग करेंगे। इसकी शुरुआत फरवरी माह में पूर्णिया जिले से पायलट प्रोजेक्ट के तौर में की गयी थी।

इसमें तकरीबन 750 बच्चों को कैंप लगा कर टोटल 2 करोड़ रकम से इक़्तेसादी मदद की गयी थी। इसकी कामयाबी को देखते हुए इसे बिहार के तमाम जिलों में लागू किया जा रहा है। माली साल 2014-15 में तकरीबन 10 करोड़ की रकम तक़सीम की गयी है। इसके तहत ज़्यादा से ज़्यादा बच्चों को इक़्तेसादी मदद कर फाइदा पहुंचाना है। जानकारी के मुताबिक दो ग्रुप 0 से 6 साल के बच्चों को 900 रुपये और 6 से 18 साल के बच्चों को 100 रुपये माहाना फाइदा मिलेगा। साथ ही अगर यतीम बच्चा तीन या चार भाई-बहन हैं, तो तमाम को फी हजार रुपये की शरह से रकम दी जायेगी। बीपीएल और यतीम बच्चों को तो इस मंसूबा का फाइदा मिलेगा ही, साथ ही एचआइवी, एड्स या कुष्ठ से मुतासीर वालिदैन की औलात को भी मंसूबा का फाइदा मिलेगा।

रकम तक़सीम के लिए बच्चों और उनके गार्जियन का ज्वाइंट अकाउंट खुलवाया जायेगा। जिनके वालिदैन नहीं हैं, उन बच्चों की परवरिश करनेवाले रिश्तेदारों के जरिये खाता खोल बच्चों को रकम दी जायेगी। इसके लिए दरख्वास्त फॉर्म के साथ-साथ तमाम का सुबूत के तौर में मुतल्लिक़ वजूहात का सेर्टिफिकेट अटेच करना होगा। इनमें बाल कल्याण समिति की तरफ से बच्चों का यतीम सर्टिफिकेट, एड्स से मुतासीर बच्चों का एआरटी कार्ड और बीपीएल और पैदाइश-सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी दरख्वास्त गुज़ार के साथ जमा करनी होगी। इसकी जांच कर सीडीपीओ और एसडीओ की तरफ से रकम दी जायेगी।