इज़राइल विरोधी रिपोर्ट हटाने से यह साबित होता है कि ‘संयुक्त राष्ट्र’ कमज़ोर है

बेरूत: लेबनान के हिज़्बुल्ला आंदोलन के प्रमुख हसन नसरुल्लाह ने इज़राइल के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की एक जांच रिपोर्ट को इंटरनेट से हटाए जाने के फैसले की निंदा कर दी है, और कहा है कि इससे विश्व संस्था की कमजोरी सब पर उजागर हो गई है।

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संयुक्त राष्ट्र के अंडर सेक्रेटरी जनरल रीमा खलफ़ ने इजराइल के फिलिस्तीनियों से नस्लवादी और अमानवीय व्यवहार से संबंधित इस रिपोर्ट को इंटरनेट से हटाने की खबर के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।आपको बता दें कि इस रिपोर्ट में इज़राइल को नस्लवादी राज्य क़रार दिया था, उन्होंने यह फैसला वैश्विक संस्था के शक्तिशाली सदस्य देशों की रिपोर्ट को वेबसाइट से हटाने के लिए दबाव और गंभीर परिणाम की धमकी के बाद किया है।

हसन नसरुल्लाह ने एक विडियो में उनके इस्तीफे की प्रतिक्रिया में कहा है कि ” इस घटना से यह सच्चाई उजागर हो गई है कि यह विश्व संस्था कमजोर है, अमेरिका और इजरायल के आगे बंधक बन गया है। ”

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र कोई रुख अख्तियार करने की क्षमता ही नहीं रखती है, और रिपोर्ट पर उसका  पीछे हटना इस बात का सबूत है कि वे हमारे क्षेत्र में मानव अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकती है। ”

स्वतंत्रता फिलिस्तीन संगठन (पीएलओ) की अनुशासन समिति के सदस्य हन्नान अशरावी ने भी संयुक्त राष्ट्र के निर्णय की आलोचना की है और रिपोर्ट को फिर से वेबसाइट पर जारी करने की मांग की है।