इज़ाफ़ी बर्क़ी शरहों से दस्तबरदारी का मुतालिबा

( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़ )एक तरफ़ हुकूमत किसानों और गरीबों की हिमायत में आए दिन बलंद बाँग दावे करते हुए गरीबों के साथ हमदर्दी जताती है तो दूसरी तरफ़ आम आदमी पर माली बोझ डालते हुए बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा का ऐलान करते हुए सरकारी ख़ज़ाना पुर करने की कोशिश करती है ।

हुकूमत की ये दोहरी पॉलीसी समझ से बाहर है । टी डी पी क़ाइद बी करूणाकर रेड्डी ने गुज़शता रोज़ मुस्तक़र रामड़ग मैं मुनाक़िदा एक इजलास में इन ख़्यालात का इज़हार किया ।

उन्होंने कहा हुकूमत पहले तो किसानों से मुफ़्त बर्क़ी के नाम पर वोट मांगती है फिर इक़तिदार पर आने के बाद बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा करते हुए इन के लिए परेशानियों और तकालीफ़ का बाइस बन रही है ।उन्हों ने हुकूमत से बर्क़ी शरहों में इज़ाफ़ा के फैसले से फ़ौरी दस्तबरदारी का मुतालिबा किया । बसूरत दीगर इस ज़िमन में बड़े पैमाने पर एहतिजाज मुनज़्ज़म करने का सख़्त इंतिबाह दिया।