वर्ष 2019 में ईद 4-5 जून को मनाई जाएगी। देश भर में मुसलमान बंधु रमजान के पवित्र माह में रोज़े रख कर अल्लाह की इबादत में जुटे हुए हैं। 30 रोजों के बाद चांद देखकर ईद मनाई जाएगी। ईद को ईद-उल-फित्र या ईद-उल-फितर भी कहा जाता है। ईद का पवित्र त्योहार भाईचारे और प्रेम को बढ़ावा देने वाला विशेष त्यौहार तथा पर्व है। ईद का त्योहार दो तरह का होता है एक मीठी ईद व दूसरी चरखी ईद। लेकिन विशेष महत्व मीठी ईद का माना गया है। ईद को सभी आपस में मिलकर भाईचारे से मनाते हैं एवं सुख-शांति व बरक्कत बनी रहने की खुदा से दुआ करते हैं। मीठी ईद बड़े ही मीठे अंदाज में मनाई जाती है। सेवइयां से लेकर अनेक प्रकार की मिठाई मीठी ईद को काफी खुशहाल बनाती है। इस ईद पर बस एक छोटा सा काम करें जिससे अल्लाह आपसे बेहद खुश होंगे।
इस काम से खुश होंगे अल्लाह, देंगे बरकत
मुस्लिम कैलेंडर के पवित्र माह रमजान में पूरे महीने रोजे रखने की शक्ति अल्लाह प्रदान करते हैं। रोजे खत्म होने की खुशी में ईद के दिन अनेक तरह की मिठाईयां एवं पकवान बनाए जाते हैं। सुबह नए-नए परिधान में ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा कर खुदा का शुक्र अदा किया जाता है। इस ईद आप एक ऐसा कार्य करें जिससे अल्लाह आपसे बेहुद खुश होंगे। अल्लाह का कहना है कि रमजान माह में दूसरे के होठों पर खुशी लाना ही अल्लाह की सच्ची ईबादत है। इसलिए इस ईद आपके पास जितनी भी पूंजी या कमाई हुई राशि है तो उसमें से कुछ प्रतिशत राशि को गरीबों में दान करें या उनमें से कुछ पैसों से गरीबों के लिए जरूरी सामान जैसे कपड़े, जूते-चप्पल आदि खरीदकर गरीबों या बेसहायों में बांट दें। इस कार्य से अल्लाह खुश होकर आपकी पूंजी, धंधा और कमाई में दोनों हाथ भरकर बरकरत देंगे। इस ईद अल्लाह को खुश करने के लिए यह काम करना बिल्कुल ना भूलें। अल्लाह ने हर सम्पन्न मुसलमान पर जकाता और फितरा देना फर्ज कर दिया है।
हर मुसलमान अल्लाह के पैगाम पर अडिग रहता है। अल्लाह से शक्ति पाने हेतु सच्चा मुसलमान दिन में 5 वक्त नमाज अदा करता है साथ ही कई नियम भी रखता है। बहुत कम लोग जानते होंगे कि ईद क्यों मनाई जाती है। आज हम आपको बताते हैं कि ईद क्यों मनाते हैं। दरअसल 624 इस्वीं में पहली बार ईद मनाई गई थी। जब पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध में वियज हासिल की थी। उसी की खुशी में ईद का यह त्यौहार हर वर्ष मुसलमान मनाता है। ईद पर रोजादार बड़ी ही उत्सुकता के साथ शाम के ईद के चांद का दीदार करते हैं और चांद देखने के बाद अल्लाह का शुक्र गुजार करते हैं।
गले मिलकर दी जाती है ईद की मुबारक
ईद के दिन हर मुसलमान अपनी हैसियत के मुताबिक गरीबों को दान देते हैं। ईद के दिन अल्लाह की रहमत होती है। सुबह सभी मुसलमान ईदगाह पर नमाज पढ़ते हैं। जिसके बाद एक दूसरे को गले मिलकर ईद मुबारक कहते हैं। मुसलमान ईद पर नमाज अदा करने के साथ ही प्रेम और भाईचारे की दुआ करते हैं। भारत के बड़े शहरों में ईद का पर्व सामूहिक रूप से मनाया जाता है। सभी एक साथ मिलकर खाना खाते हैं। अमूमन हर जगह हिन्दु भाई भी ईद के दिन मुसलमानों को ईद की बधाई देने के लिए उनके घर पहुंचते हैं। ईद का यह पर्व मुसलमानों के लिए खुशियों भरा होता है।