अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, 8 अप्रैल तक ट्रप प्रशासन ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प (आईआरजीसी) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन के तौर पर चिह्नित कर सकता है। अगर इसे अंजाम दिया जाता है, तो यह पहली बार होगा जब अमेरिका किसी देश की सेना को आतंकवादी समूहों की सूची में डालेगा। अमेरिकी अधिकारी कई महीने से रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को काली सूची में डालने पर बहस करते रहे हैं।
सीएनएन की जुलाई, 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ऐसा करने पर विचार कर रहा था। व्हाइट हाउस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के एक प्रवक्ता ने इस पर बयान देने से इनकार कर दिया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। पिछले साल अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के निदेशक डैन कोट्स ने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को एक विदेशी आतंकवादी संगठन के तौर पर चिह्नित करने को लेकर आगाह किया था। उन्होंने कहा था कि ऐसा करने से अमेरिकी सेनाओं के लिए खतरा बढ़ सकता है।
ईरान बोला, अमेरिकी सेना को भी काली सूची में डाल देंगे
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रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का गठन 1979 इस्लामिक क्रांति के बाद किया गया था। देश की पारंपरिक सैन्य इकाइयां सीमाओं की रक्षा करती हैं, जबकि इसके विपरीत रिवोल्यूशनरी गार्ड्स देश में इस्लामी गणतंत्र प्रणाली की रक्षा करता है। ईरानी सैन्य बलों की इस यूनिट को सऊदी अरब और बहरीन पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित कर चुके हैं।