ईरानी हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए यमन ने बंद किये भूमि, समुद्र और हवाई बंदरगाह

जेद्दा: सऊदी संगठन ने अस्थायी रूप से यमन में सभी भूमि समुद्र हवाई बंदरगाहों को अभी फ़िलहाल बंद करने का फैसला किया है| संगठन का कहना है कि इसके ज़रिये ईरानी तक हथियारों की कालाबाजारी होती थी| इसको रोकने के लिए यह क़दम उठाया जा रहा है| सऊदी संगठन यमन की संयुक्त राष्ट्र सरकार का समर्थन करती है| इसको मद्देनज़र रखते हुए ऐसा किया जा रहा है| गठबंधन ने एक बयान में कहा कि यह विशेषज्ञों द्वारा निर्णय लिया गया है कि यमन से सऊदी अरब के लिए हौथिस द्वारा बैलिस्टिक मिसाइलों को निकाल दिया गया था| उसके बाद यह किया गया|

सऊदी प्रेस एजेंसी के बयान बयान में कहा गया कि 22 जुलाई 2017 को शुरू किए गए मिसाइल सहित मिसाइलों के मलबे की पूरी जांच से, इन मिसाइलों के निर्माण में ईरान के शासन की भूमिका की पुष्टि हुई है और ये साम्राज्य पर हमला करने के उद्देश्य से यमन में हुबली सैनिकों को तस्करी कर रहा है| हालाँकि इससे पहले सऊदी वायु रक्षा बलों ने बैलिस्टिक मिसाइल को गोली मार दी थी इससे पहले कि वह शनिवार की रात को राष्ट्रीय राजधानी में हवाई अड्डे पर उतर सके|

इसमें यह भी कहा गया है कि ईरान के शासन के द्वारा ईरान की भूमिका और उसके हौटी प्रॉक्सी के प्रत्यक्ष आदेश सैन्य आक्रामक कृत्य को समझता है, और इसे सऊदी अरब के राज्य के खिलाफ युद्ध के एक कार्य के रूप में माना जा सकता है। यमन में प्रवेश के सभी बिंदुओं को बंद करते हुए, गठबंधन कमान ने कहा कि यह गठबंधन की प्रक्रियाओं के अनुसार मानवतावादी आपूर्ति और कर्मचारियों के प्रवेश और बाहर निकलने की निरंतरता को ध्यान में रखेगा।

सऊदी संगठन ने अमेरिकी रक्षा अधिकारी का हवाला देते हुए कहा गया है कि हौथियों को ईरान के हथियारों की तस्करी मार्च 2016 के बाद से जारी है, और इस उपकरण में “लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें सऊदी अरब में गहरी चोट पहुँचाने में सक्षम हैं। संघर्ष आर्मामेंट रिसर्च ने एक अध्ययन में कहा था कि क्यूसेफ -1 यूएवी ड्रोन जो हौथियों ने दावा किया है वास्तव में वहा ईरान का है इसका सबूत भी है हमारे पास।