ईरान अपनी मिसाइल ताक़तों को बढ़ाने के लिए किसी से नहीं पुछेगा- हसन रुहानी

ईरान द्वारा मिसाइल परीक्षण पर अमरीकी अधिकारियों की कड़ी आपत्ति को ख़ारिज करते हुए तेहरान ने कहा है कि ईरानी राष्ट्र के विरुद्ध चलने वाली अमरीका की ज़बान कतर दी जाएगी। ईरानी सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि हमें अपनी मिसाइल शक्ति को मज़बूत बनाने के लिए किसी से अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है।

जनरल अबुल फ़ज़्ल शिकारची का कहना था कि अमरीका दूसरे देशों पर वर्चस्व जमाने और उन पर क़ब्ज़ा करने के लिए अपने मिसाइलों को विकसित करता है, लेकिन ईरान का कभी यह उद्देश्य नहीं रहा है और न ही रहेगा। ईरानी सेना के वरिष्ठ प्रवक्ता का कहना था कि ईरान को अपने हितों की सुरक्षा और दूसरों के हमलों से बचने के लिए आधुनिक मिसाइलों को विकसित करने की ज़रूरत है।

अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने हाल ही में ईरान पर मध्यम दूरी तक मार करने वाले ऐसे बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण का आरोप लगाया था, जो परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है। पोम्पियो का कहना था कि ईरान के यह मिसाइल पूरे मध्यपूर्व और यूरोप के एक बड़े भाग तक मार कर सकते हैं।

अमरीकी विदेश मंत्री ने कहा, ईरान ने मिसाइल परीक्षण करके संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 2231 प्रस्ताव का उल्लंघन किया है, जिसने 2015 के परमाणु समझौते को अनुमोदित किया था। हालांकि पोम्पियो को परमाणु समझौते का हवाला देते हुए कुछ तो शर्म आनी चाहिए थी, क्योंकि इसे एक बुरा समझौता क़रार देकर अमरीका इससे निकल चुका है।

साभार- ‘parstoday.com’