ईरान और छः आलमी ताक़तों के दरमयान तेहरान के जौहरी प्रोग्राम पर दो माह बाद दुबारा मुज़ाकरात शुरू हो गए। अमरीकी ओहदेदार का कहना है कि हमें मुज़ाकरात से ज़्यादा उम्मीद नहीं रखनी चाहीए और ये इंतिहाई सख़्त मरहला होगा।
आइन्दा हफ़्ते तक जारी रहने वाले मुज़ाकरात से कोई ख़ास उम्मीद नज़र नहीं आ रही और दोनों अतराफ़ पर खला को दूर करने केलिए दबाव बढ़ता जा रहा है। ईरान हमेशा से ये कहता रहा है कि इस का जौहरी प्रोग्राम पुरअमन मक़ासिद के लिए है और वो ऐटम बम बनाने नहीं जा रहा।