अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए भारी-भरकम प्रतिबंधों का असर दिखने लगा है। आर्थिक संकट से जूझ रहे ईरान की करंसी लगातार नीचे जा रही है। डॉलर के मुकाबले ईरानी रियाल की कीमत शनिवार को 1,12,000 तक पहुंच गई। शनिवार को 1 डॉलर की कीमत 98,000 रियाल थी। सरकार की ओर से निर्धारित विनिमय दर डॉलर के मुकाबले 44,070 थी। 1 जनवरी को इसकी कीमत 35,186 थी।
डॉलर की तुलना में रियाल की वैल्यू में आधी गिरावट सिर्फ चार महीनों में आई है। यह पहली बार मार्च में 50,000 के स्तर से नीचे गया था। सरकार ने अप्रैल में दर को 42,000 पर स्थिर करने की कोशिश की और कालाबाजारी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
हालांकि यह अभी भी जारी है। ईरान के लोग अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर चिंता में हैं और अपनी बचत या निवेश को डॉलर के रूप में सुरक्षित रखना चाहते हैं, क्योंकि रियाल की कीमत में कमी का दौर अभी जारी रह सकता है।
बैंक आमतौर पर डॉलर आर्टिफिशल लो रेट पर बेचने से इनकार करते हैं, सरकार को जून में अपने रुख में नरमी लाते हुए आयात पर कुछ समूहों को छूट देनी पड़ी। पिछले सप्ताह प्रेजिडेंट हसन रूहानी ने सेंट्रल बैंक के चीफ को बदल दिया था। इसके पीछे एक बड़ी वजह संकट से निपटने में असफलता को बताया जा रहा है।
मई में अमेरिका 2015 न्यूक्लियर डील से बाहर हो गया था और इसके बाद ईरान को एक बार फिर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। अमेरिका ने 6 अगस्त और 4 नवंबर को ईरान पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया। इससे कई विदेशी कंपनियों को ईरान के साथ कारोबार बंद करना पड़ा। इसके बाद से ईरान की करंसी में लगातार गिरावट का दौर जारी है।