ईरान के लिए न्यूक्लीयर मुआहिदा में अभी भी कई रुकावटें

तेहरान में अवाम का एक ग्रुप इस बात पर यक़ीन रखता है कि ईरान और दीगर आलमी ताक़तों के दरमयान न्यूक्लियर मुआहिदा हो चुका है जबकि दूसरा ग्रुप इस बात पर अटल है कि ऐसा कोई मुआहिदा नहीं हो सकता ताहम ईरान के न्यूक्लीयर प्रोग्राम पर बातचीत का जो सिलसिला गुज़िश्ता 12 साल से लीतो लाअल में पड़ा हुआ है बिलकुल उसी तरह तनाज़ा न्यूक्लीयर प्रोग्राम को क़तईयत देने की राह में भी कई रुकावटें मौजूद हैं।

दूसरी तरफ़ वाशिंगटन में क़ानूनसाज़ ईरान पर नई तहदीदात आइद करने की तैयारीयां कर रहे हैं जबकि वाईट हाउस ने अपना मौक़िफ़ वाज़ेह कर दिया हैकि ईरान को बातचीत के लिए मज़ीद वक़्त दिया जाए।

ईरान के सख़्तगीर एमपीज ख़ुद भी ऐसे दो बिल्ज़ तैयार कर रहे हैं जिन के तहत ईरान की दीगर मग़रिबी ममालिक के साथ न्यूक्लीयर बातचीत मज़ीद इल्तवा का शिकार हो सकती है।

इस पूरे मुआमला का तजज़िया करने वालों के मुताबिक़ हालात इंतिहाई पेचीदा और मुश्किल हैं वहीं ईरान की यूरेनियम अफ़्ज़ूदगी की सतह और तहदीदात बरख़ास्त करने का निज़ामुल अमल दरअसल मुआहिदा की राह में सब से बड़ी रुकावटें हैं।

इस सिलसिले में अब अमरीका के दो सीनेटर्स रिपब्लिकन के मार्क कर्क और डेमोक्रेट राबर्ट मैंडीज़ ने कहा कि 24 मार्च तक ये फ़ैसला किया जाएगा कि नई क़ानूनसाज़ी के लिए बिल पेश किए जाएं या नहीं।