अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग किया है। बराक ओबामा के कार्यकाल में किए गए इस समझौते से अलग होते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे अप्रासंगिक और बेकार करार दिया।
ट्रंप ने कहा, ‘‘ मेरे लिए यह स्पष्ट है कि हम ईरान के परमाणु बम को नहीं रोक सकते। ईरान समझौता मूल रूप से दोषपूर्ण है। इसलिए, मैं आज ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने की घोषणा कर रहा हूं। इसके कुछ क्षण बाद उन्होंने ईरान के खिलाफ ताजा प्रतिबंधों वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये और देशों को ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम पर उसके साथ सहयोग करने के खिलाफ चेताया।
अल अरेबिया के मुताबिक, सऊदी ने ईरानी शासन पर आर्थिक प्रतिबंधों को बहाल करने का भी समर्थन किया है, जिसे परमाणु समझौते के तहत निलंबित कर दिया गया है और सऊदी अरब ने ट्रम्प के इस फैसले का पूर्ण समर्थन किया है।
ट्रेन्ड न्यूज के अनुसार तुर्की के राष्ट्रपति रसेप तय्यिप एर्दोगान ने ट्रम्प के इस समझौते से पीछे हटने पर कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका को ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से पीछे हटने से कोई फायदा नहीं होगा।
ट्रेन्ड न्यूज के अनुसार तुर्की मीडिया ने 9 मई को रिपोर्ट दी की एर्दोगान ने कहा की “किसी भी समय अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है और किसी भी समय इन समझौतों से पीछे नहीं हटा जा सकता है।
ट्रेन्ड न्यूज के अनुसार एर्दोगान ने कहा की अमेरिका ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से इनकार करते हुए दिखा दिया की वाशिंगटन इस सौदे के संबंध में ईमानदार नहीं था।
8 मई को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की कि अमेरिका 2015 में छह अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थों (रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी) द्वारा परमाणु कार्यक्रम पर ईरान के साथ हुए समझौते से वापस हटेगा।