ईरान के ख़िलाफ़ रिपोर्ट

आलमी ताक़तें अमरीका और इस के हलीफ़ों की ईमा पर बहरसूरत ईरान को निशाना बनाने का तहय्या करचुकी हैं। बैन-उल-अक़वामी जौहरी तवानाई इदारा ने जो अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की निगरानी में काम करता है एक रिपोर्ट जारी करते हुए इल्ज़ाम आइद किया है कि ईरान न्यूकलीयर हथियार तैय्यार कर ने की कोशिश कर रहe है और इस की तमाम न्यूकलीयर सरगर्मीयां इन हथियारों की तैय्यारी के मुताल्लिक़ ही हैं।

आलमी ताक़तें चाहती हैं कि ईरान को इस रिपोर्ट की बुनियाद पर मज़ीद घेरा जाय और इस के ख़िलाफ़ मज़ीद तहदीदात आइद की जाएं। अमरीका और दूसरी आलमी ताक़तें मुसलसल इल्ज़ाम आइद कर रही हैं कि ईरान न्यूकलीयर हथियार तैय्यार करने के मरहला में आगया है । इस इद्दिआ केलिए ये ताक़तें बैन-उल-अक़वामी जौहरी तवानाई इदारा को ही इस्तिमाल कर रही हैं और उन की क़तई कोशिश यही है कि ईरान के ख़िलाफ़ ना सिर्फ मआशी तहदीदात आइद करते हुए उसे मजबूर करदिया जाय बल्कि उस को फ़ौजी हमले के ज़रीया भी निशाना बनाया जाय ।

वक़फ़ा वक़फ़ा से ये इत्तिलाआत भी आती रहती हैं कि अमरीका या पनटगान की जानिब से ईरान पर हमला करने के इमकानात का जायज़ा लिया जा रहा है या फिर ये कि ईरान पर हमला के इमकानात को मुस्तर्द नहीं किया जा सकता । ये भी कहा जाता है कि यहूदी ममलकत इसराईल की जानिब से ईरान की न्यूकलीयर तंसीबात को निशाना बनाते हुए हमला किया जाएगा। ये सारे मंसूबे ईरान को इस के न्यूकलीयर प्रोग्राम से बाज़ रखने केलिए हैं जबकि ईरान ने वाज़ेह तौर पर ऐलान करदिया है कि इस का जौहरी प्रोग्राम पुरअमन मक़ासिद केलिए है ।

वो अंदरून-ए-मुल्क अपनी तवानाई ज़रूरीयात की तकमील चाहता है और इस प्रोग्राम से दसतबरदारी या उसे रोक देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। ईरान और आलमी ताक़तों के माबैन कई दौर की बातचीत भी हुई है और बैन-उल-अक़वामी जौहरी तवानाई इदारा के ओहदेदार तहरान का दौरा भी करचुके हैं । ये ओहदेदार हसब तवक़्क़ो यही रिपोर्ट पेश करते हैं कि ईरान न्यूकलीयर हथियार बनाना चाहता है । इसी रिपोर्ट और इसी इदारा को इस्तिमाल करते हुए अमरीका और इस के हव्वारी ममालिक अपने मतलब की रिपोर्ट तैय्यार करवाते हैं ताकि उन्हें ईरान के ख़िलाफ़ हरकत में आने का जवाज़ दस्तयाब होसके । ये ताक़तें अपने मफ़ादात की तकमील केलिए ईरान को निशाना बनाने का मंसूबा रखती हैं। अब जो ताज़ा तरीन रिपोर्ट तैय्यार की गई है इस में भी ईरान पर न्यूकलीयर हथियार तैय्यार करने का इल्ज़ाम आइद किया गया है ।

ईरान ने हसब-ए-साबिक़ तरदीद की है और इस का कहना है कि इस का न्यूकलीयर प्रोग्राम पुरअमन मक़ासिद केलिए है । अक़वाम-ए-मुत्तहिदा इदारा की रिपोर्ट की बुनियाद पर ईरान को निशाना बनाने का फ़ैसला अगर किया जाता है तो ये सारे इलाक़ा केलिए तबाही का पेशख़ैमा साबित होसकता है क्योंकि ईरान ने भी वाज़िह किया है कि अगर उस की सरहदात पर हमला किया जाता है या उसे निशाना बनाया जाता है तो वो भी जवाबी कार्रवाई करने से गुरेज़ नहीं करेगा । माज़ी में इराक़ को तबाही के दहाने पर पहूँचाने वाली यही ताक़तें और उन्हों ने इसी बैन-उल-अक़वामी इदारा यानी अक़वाम-ए-मुत्तहिदा को ही इस्तिमाल करते हुए अपने मक़ासिद की तकमील की है ।

इराक़ पर भी अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जानिब से इल्ज़ाम आइद किया गया था कि इस ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाने वाले हथियार जमा कर रखे हैं। इन ही हथियारों की तलाश के नाम पर अमरीका ने इराक़ को निशाना बनाया और सारे मलिक को खन्डर में तबदील करके रखदया । हज़ारों बल्कि लाखों अफ़राद मौत के घाट उतार दिए गए । हमलों का सिलसिला हनूज़ जारी है । मासूम बच्चे भी वहां बेशुमार मुश्किलात का शिकार हैं। उन्हें दूध और अदवियात तक दस्तयाब नहीं हैं।

सारी जंग के ख़ातमा के बाद ये वाज़िह होगया था कि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा ने तबाही मचाने वाले जिन हथियारों की मौजूदगी का इद्दिआ करते हुए इराक़ पर हमला की इजाज़त दी थी वो हथियार सारे इराक़ में कहीं भी दस्तयाब नहीं हैं ।इस की सारी रिपोर्टस ग़लत साबित होगईं ।अब एक बार फिर ईरान को निशाना बनाने केलिए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के इदारा की रिपोर्ट ही को बुनियाद बनाया जा रहा है

इबतिदाई मराहिल में हसब रिवायत ईरान पर मआशी तहदीदात आइद की जा रही हैं और उन्हें मज़ीद सख़्त करते हुए आइन्दा उसे यक्का-ओ-तन्हा किया जाएगा। उसे फ़ौजी कार्रवाई का निशाना बनाने के अंदेशे भी अक़वाम-ए-मुत्तहिदा या अमरीका के माज़ी के रिकार्ड को देखते हुए बेबुनियाद नहीं कहे जा सकते । इसराईल की जानिब से भी ईरान के ख़िलाफ़ फ़ौजी कार्रवाई के अंदेशों को यकसर मुस्तर्द नहीं किया जा सकता क्योंकि इसराईल ईरान को अपने लिए असल ख़तरा समझता है ।

मुख़्तलिफ़ बहानों के ज़रीया ईरान को निशाना बनाने के ख़ाहां ममालिक में अक्सरीयत इन ममालिक की है जिन के पास ख़ुद सैंकड़ों न्यूकलीयर हथियार मौजूद हैं। अमरीका के पास ख़ुद सारी दुनिया को तबाह करने केलिए काफ़ी न्यूकलीयर हथियार हैं। यहूदी ममलकत इसराईल के पास भी दर्जनों न्यूकलीयर हथियार हैं और यही दोनों ममालिक हैं जो नहीं चाहते कि ईरान भी न्यूकलीयर हथियार हासिल करे हालाँकि तमाम रिपोर्टस और इल्ज़ामात से क़ता नज़र ईरान का कहना है कि इस का न्यूकलीयर प्रोग्राम पुरअमन मक़ासिद केलिए है और वो इस प्रोग्राम के ज़रीया अपने मुल़्क की तवानाई ज़रूरीयात की तकमील करना चाहताहै ।

अमरीका और इसराईल या उन के हव्वारी अगर वाक़ई इंसाफ पसंदी की राह इख़तियार करते हैं तो उन्हें चाहीए कि वो सब से पहले ख़ुद अपने न्यूकलीयर हथियार तबाह करें और इस के बाद ही दुनिया को अदम फैलाव का दरस देने केलिए मैदान में आएं। ईरान के ख़िलाफ़ अमरीका की सारी मुहिम महिज़ इसराईल के दिफ़ा केलिए है । अक़वाम-ए-मुत्तहिदा को इस मुहिम का हिस्सा नहीं बनना चाहीए ।