ईरान ने साफ़ कहा- ‘सुरक्षा के लिए जरूरी हथियार हम बनायेंगे’

राष्ट्रपति रूहानी ने कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की रक्षा क्षमता किसी भी अंतर्राष्ट्रीय क़ानून के ख़िलाफ़ नहीं है। हसन रूहानी ने संसद में अपने मंत्रीमंडल के प्रस्तावित शिक्षा मंत्री और ऊर्जा मंत्री को विश्वास मत की प्रक्रिया के दौरान कहा कि इस्लामी गणतंत्र अपनी रक्षा के लिए ज़रूरी हथियारों का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र अपने सुरक्षा हितों और जनता की रक्षा के लिए मीज़ाईल क्षमता बढ़ाना जारी रखेगा।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, उन्होंने अमरीका की ओर से परमाणु समझौते जेसीपीओए के हो रहे उल्लंघन की ओर इशारा करते हुए कहा कि अमरीका ने अपने इस व्यवहार से दर्शा दिया कि वह दुनिया में भरोसे के लायक़ नहीं है।

ईरानी राष्ट्रपति ने आतंकवादी गुटों को अमरीका की ओर से हो रहे समर्थन का उल्लेख करते हुए कहा कि अमरीका ही इराक़, सीरिया और अफ़ग़ानिस्तान सहित क्षेत्रीय देशों में अस्थिरता की वजह है।

राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि अमरीका इराक़ को बांटना चाहता था लेकिन इराक़ी राष्ट्र और सरकार, इस्लामी गणतंत्र ईरान और क्षेत्रीय देशों ने इराक़ की अखंडता पर किसी तरह की आंच न आने दी।

ग़ौरतलब है कि इराक़ के विभाजन की साज़िश के तहत इराक़ी कुर्दिस्तान के प्रमुख मसऊद बारेज़ानी के आग्रह पर 25 सितंबर 2017 को जनमत संग्रह हुआ, लेकिन बग़दाद की केन्द्र सरकार और इराक़ के पड़ोसी देशों की समझदारी ने, जनमत संग्रह के ज़रिए इस देश का बटवारा करने वालों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने से रोक दिया।