ईरान और 6 आलमी ताक़तों के दरमयान न्यूक्लियर मुज़ाकरात में शामिल सिफ़ारतकारों का कहना है कि दो दिन के मुज़ाकरात 20 जुलाई की क़तई आख़िरी मोहलत तक मुआहिदा के रास्ते में हाइल इख़्तिलाफ़ात कम करने से क़ासिर रहे। सिफ़ारतकारों ने तीसरे रोज़ के मुजव्वज़ा इजलासों से क़ब्ल प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए कहा कि इस बात के इमकानात ज़्यादा हैं कि बातचीत क़ब्ल अज़ वक़्त मुल्तवी करदी जाएगी क्योंकि कोई पेशरफ़्त नहीं हो सकी।
यूरेनियम की अफ़्ज़ूदगी के मराकज़ पर अहम तनाज़ा पाया जाता है जहां ऐसी यूरेनियम तैयार की जाती है जिसे रीएक्टर के ईंधन और वारहेड के मर्कज़ी हिस्से में फ़शारी माद्दे के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ईरान का कहना है कि वो न्यूक्लियर हथियार का ख़ाहिशमंद नहीं है।
वो यूरेनियम की अफ़्ज़ूदगी ऐटमी बर्क़ी तवानाई हासिल करने के लिए जारी रखना चाहता है। गुज़िश्ता माह बातचीत तात्तुल का शिकार हो गई थी। प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए दो सिफ़ारतकारों ने कहा कि मौजूदा बातचीत में भी तात्तुल पैदा हो गया है।
तेहरान से मौसूला इत्तिला के बामूजिब ईरान और 6 आलमी ताक़तों ने एक जामे न्यूक्लियर मुआहिदा का मुसव्वदा तैयार करना शुरू कर दिया है। लेकिन इस के बावजूद कई निकात पर इख़्तिलाफ़ात का सामना है। सब से ज़्यादा तनाज़ा अमरीका और यूरोपीय यूनीयन की तहदीदात की बर्ख़ास्तगी के निज़ामुल औक़ात के बारे में है।