ईरान पर हमलों के अंदेशों में इज़ाफ़ा , शहरीयों में तशवीश

तेहरान 10 दिसंबर । ( राइटर्स ) ईरान पर किसी फ़ौजी हमले के अंदेशों के बारे में अमरीका और इसराईल में जारी बहस के दौरान इस इस्लामी जमहूरीया में मुख़्तलिफ़ क़ियास आराईयां की जाने लगी हैं। बिलख़सूस ईरान ने अमरीका की हालिया खु़फ़ीया फ़ौजी कार्यवाईयों के इन्किशाफ़ के बाद ऐसे हमलों के अंदेशों में मज़ीद इज़ाफ़ा होगया है ।

तेहरान यूनीवर्सिटी की टीचर मर्यम सूफ़ी ने जो दो बच्चों की माँ है रॉयटर्स से कहा कि में नहीं समझती कि फ़ौरी तौर पर ऐसी कोई जंग छिड़ सकती है लेकिन फ़िलहाल मुझे सिर्फ मेरे ख़ानदान और मेरे मुल्क के बारे में कई ख़दशात हैं , अमरीका और इसराईल की तरफ़ से ईरान पर हमले की सूरत में होने वाली तबाही और खूनखराबे के बारे में सोंचते हुए मेरी नींदें हराम होरही हैं ।

बैन-उल-अक़वामी ऐटमी इदारा (आई ए ई ए ) की हालिया रिपोर्ट के बाद ज़ाहिर करदा रद्द-ए-अमल के बाद इसराईल और अमरीका की जानिब से ईरान पर हमले के ख़दशात मैं होलनाक इज़ाफ़ा हुआ है और अमरीकी सदर बारक ओबामा ने बैन-उल-अक़वामी जारहीयत के मौज़ू पर इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए ये चौंका देने वाला इशारा भी करदिया कि कोई भी तरीका-ए-कार ख़ारिज अज़ बेहस नहीं है ।

हमारे लिए तमाम रास्ते खुले हैं और तमाम इमकानात ज़ेर-ए-ग़ौर हैं। इस के पेशे नज़र अब वसीअ तौर पर ये समझा जाने लगा है कि अमरीका और इसराईल ईरान के ख़िलाफ़ खु़फ़ीया जंग में मुलव्वस होचुके हैं जिस में साइबर हमले , तिजारती-ओ-मआशी पाबंदीयां , सुबू ताज की सरगर्मीयां , ईरानी न्यूक्लियर साईंसदानों को चुन चुन कर हलाक करने का मंसूबा और ईरानी दहश्तगरदों की मदद वग़ैरा भी शामिल है ।