ईरान भी न्यूक्लीयर पानि से मार करने वाले मिसाईल कि तैयारी में

दुबई । ईरान ने आज दावा किया कि वो अपने पहले न्यूक्लीयर पानी से मार करने वाले मिसाईल के डेकोरेशन‌ पर काम शुरू कर दिया है। न्यूक्लीयर ताकत‌ से चलने वाला मिसाईल‌ तैयार करने की टेक्नोलोजी दुनिया के सिर्फ चंद ही मुल्कों के पास है।

ईरान के सीनीयर अरबी कमांडर रीटर एडमीरल अब्बास ज़मानी ने कहा कि इन का मुलक एटमी आबदोज़ बनाने के इबतिदाई मरहला में है। उन्हों ने दावा किया कि ईरान ने तवानाई की पैदावार, खैतीबाडी, सेहत,मेडीकल‌ जैसे मुख़्तलिफ़ विभागों में सीवीलीय‌न न्यूक्लीयर टेक्नोलोजी हासिल करने में बहुत जयादा तरक्की की है।

इन तरक़्क़ियों ने ईरान को न्यूक्लीयर ईंधन से चलने वाले आबदोज़ की तैयारी पर ग़ौर करने का मौक़ा दिया है। समुंद्री फौज‌ के लेफ्टीनन्ट‌ कमांडर बराए तकनीकी काम‌ ने ये बात‌ एक एसे वक़्त कि है जब ईरान का इस के न्यूक्लीयर प्रोग्राम पर पश्वीमी मुल्कों के साथ झगडा जारी है।

खास कर अमेरीका और इस के चंद क़रीबी मददगार मुल्कों को शुबा हैकि वो (ईरान) ऐटमी हथयारों की टेक्नोलोजी को बढावा दे रहा है। फ़िलहाल सिर्फ़ अमेरीका, रूस, फ़्रांस, बर्तानिया और चीन के पास न्यूक्लीयर ईंधन से चलने वाले आबदोज़ बनाने की टेक्नालोजी है। हिंदूस्तान भी अपने पहले देसी तर्ज के बनाए गए न्यूक्लीयर आबदोज़ आई एन एस उर्मी हनत को सरकारी तौर पर समुंद्री फौज‌ में शामिल करने के क़रीब पहूंच गया है।