ईरान में पारलीमानी इंतेख़ाबात के इबतिदाई नताइज के मुताबिक़ सदर महमूद अहमदी नज़ाद के क़दामत पसंद हरीफ़ों को सबक़त हासिल हो रही है जो इस बात का इशारा हैं कि अहमदी नज़ाद को अपनी दूसरी सदारती मीयाद के बाक़ी 18 माह के दौरान ईरान में मज़ीद मुख़ालिफ़त-ओ-मुख़ासमत का सामना करना पड़ सकता है ।
रुहानी पेशवा अयातुल्लाह खुमैनी के हामी ने गुज़श्ता रोज़ मुनाक़िदा पारलीमानी इंतेख़ाबात में ग़ैरमामूली ताक़त का मुज़ाहिरा किया जिससे ईरानी मज़हबी क़ियादत को अवाम की भरपूर ताईद का इज़हार होता है। दार-उल-हकूमत तेहरान के इबतिदाई नताइज हरीफ़ों पर ज़बरदस्त सबक़त हासिल हुई है ।
सुबाई इलाक़ों से मौसूला जुज़वी नताइज के मुताबिक़ कई हलक़ों में सदर अहमदी नज़ाद के हरीफ़ों को कामयाबी मिली है । ईरान के 4 करोड़ 80 लाख मुस्तहिक़ राय दहिंदगान के मिनजुमला 67 फ़ीसद ने अपने हक़ राय दही से इस्तेफ़ादा किया था । ईरानी मजलिस (पार्लीमेंट) की 290 नशिस्तों के लिए गुज़श्ता रोज़ मुनाक़िदा इंतेख़ाबात दरअसल क़दामत पसंद कैम्प और सदर अहमदी नज़ाद के हामीयों और मुख़ालिफ़ीन के दरमयान ताक़त आज़माई समझे जा रहे थे ।
जून 2009 के मुतनाज़ा इंतेख़ाबात में महमूद अहमदी नज़ाद की दूसरी मीयाद के लिए कामयाबी और इसके ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर एहतिजाज-ओ-मुज़ाहिरों के बाद इस मुल्क में ये पहले अहम इंतेख़ाबात हैं । गुज़श्ता तीन साल के दौरान इस मुल्क में अपोज़ीशन को बुरी तरह कुचल दिया गया और ताज़ा तरीन इंतेख़ाबात में अहम इस्लाह पसंद ग्रुप्स मराकज़ राय दही से ग़ायब थे । ये इंतेख़ाबी नताइज ख़ाह कुछ भी हो ईरान की बुनियादी पालिसीयों को तबदील नहीं करेंगे जिनमें न्यूक्लीयर प्रोग्राम, फ़ौज और तेल की पालिसीयां भी शामिल हैं जो किसी तब्दीली के बगै़र जारी रहेंगी ।
पारलीमानी इंतेख़ाबात के नताइज ने सदर अहमदी नज़ाद के कैंप को कमज़ोर कर दिया है और ये नताइज एक ऐसे वक़्त बरामद हुए हैं जिसके कुछ अर्सा बाद यानी 2013 में सदारती इंतेख़ाबात मुनाक़िद होंगे । ऐसा महसूस होता है कि इस मुल्क में इस्लाह पसंद भी कमज़ोर हो चुके हैं और कट्टर मज़हब परस्त फोर्सेस की ताक़त में मज़ीद इज़ाफ़ा हुआ है ।
आज दोपहर तक 189 उम्मीदवारों के नताइज का ऐलान किया गया जिनमें तक़रीबन 97 क़दामत पसंद अहमदी नज़ाद के हरीफ़ हैं। इनके इलावा 6 आज़ाद ख़्याल उम्मीदवारों को भी कामयाबी जो अहमदी नज़ाद की मुख़ालिफ़त कर रहे थे। माबक़ी 86 नशिस्तें अहमदी नज़ाद के हामीयों और एतेदाल पसंदों के दरमयान तक़्सीम हो गई हैं। सदर अहमदी नज़ाद की छोटी बहन प्रवीन अहमदी नज़ाद को भी क़दामत पसंद हरीफ़ उम्मीदवार के मुक़ाबले शिकस्त हुई।