तेहरान। सरकार के किसी भी ‘‘गैर-कानूनी एकत्रीकरण’’ के खिलाफ सरकार की चेतावनियों के बावजूद ईरान में तीसरे रात भी प्रदर्शन होने के कारण संघर्ष और मार्च की खबर मिली है। सोशल मीडिया पर शनिवार को दिखाए असत्यापित वीडियो में हजारों लोगों को पश्चिमी शहरों खोर्रामाबाद, जनजान और अहवाल और कई छोटे शहरों से होकर गुजरते हुए दिखाया गया है।
बढ़ती कीमतों के खिलाफ शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन बढ़कर अब सरकारी नीतियों के खिलाफ और अधिक उग्र हो गया है। राजधानी तेहरान में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। तेहरान के सुरक्षा मामलों के डिप्टी गर्वनर जनरल ने ईरानियन लेबर न्यूज एजेंसी को बताया कि 50 लोगों का समूह शहर के चौराहे पर एकत्र हुआ था।
विरोध प्रदर्शन की शुरुआत गुरुवार (28 दिसंबर) को देश के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले पूर्वोत्तर शहर मशाद से शुरू हुई थी। मशाद में लोग ऊंची कीमतों को लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और राष्ट्रपति हसन रुहानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
कटु शब्दों में नारेबाजी के लिए 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रशासन की चेतावनी के बावजूद भी शुक्रवार को देश के कई बड़े शहरों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला।
भ्रष्टाचार और आर्थिक समस्याओं के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने राजनीतिक रंग ले लिया है। केवल रूहानी के खिलाफ ही नहीं बल्कि सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला खमनेई और धार्मिक शासन के खिलाफ भी नारेबाजी हुई।विरोध प्रदर्शन करने वाले लोग नारे लगा रहे थे कि लोग भीख मांग रहे हैं और मौलवी खुद को खुदा समझ रहे हैं।