ईरान में हिंदूस्तानी बिरादरी के नुमाइंदों ने वज़ीर-ए-आज़म( प्रधानमंत्री ) मनमोहन सिंह से मुलाक़ात करते हुए इस मुल्क में अपने जायदाद हुक़ूक़ , वर्क परमिट्स और शादियों को तस्लीम करने जैसे मसाइल को(मुद्दों को) उठाया।
ईरान में मुक़ीम हिंदूस्तानियों ने वज़ीर-ए-आज़म( प्रधानमंत्री ) के इस दौरा से इस्तिफ़ादा(इस्तेमाल/लाभ) करते हुए अपने दीगर मसाइल(अन्य मुद्दों ) भी पेश किए ।
हिंदूस्तानी कम्यूनिटी के नुमाइंदों ने ये भी कहा कि अगरचे कि ईरान में हिंदूस्तानी सब से क़दीम तारकीन वतन हैं लेकिन मुख़्तलिफ़ वजूहात के बाइस इस तबक़ा की अक्सरियत(बहुसंख्यक) घट गई है क्योंकि नई पीढ़ी को कई समस्या दरपेश हैं। उन्हें काम केलिए मुश्किलात होरही है ।
कई ख़ानदान यहां से चले भी गए हैं। तमाम मसाइल में से एक अहम मसला ये है कि उन्हें ईरान से जायदाद का हक़ हासिल नहीं है। वज़ीर-ए-आज़म( प्रधानमंत्री ) को दी गई दरख़ास्त में ये भी लिखा गया है कि अगर हिंदूस्तानियों को उन के नाम पर जायदाद कराने की इजाज़त दी जाय तो उन्हें ज़हनी सुकून हासिल होगा।