ईरान में क़ैदीयों को खु़फ़ीया फांसी देने का इन्किशाफ़

तेहरान 19 अक्तूबर । (एजैंसीज़) ईरान में हक़ूक़-ए-इंसानी की बढ़ती हुई ख़िलाफ़ वरज़ीयों से मुताल्लिक़ अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की एक नई रिपोर्ट में इन्किशाफ़ हुआ है कि ईरानी हुक्काम ने खु़फ़ीया तौर पर सैंकड़ों क़ैदीयों को फांसी दी है।

फ़्रांसीसी ख़बररसां इदारा के मुताबिक़ ये रिपोर्ट ईरान में हक़ूक़-ए-इंसानी की सूरत-ए-हाल पर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के नए नुमाइंदा ख़ुसूसी अहमद शहीद की जानिब से तैय्यार की गई ही। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरासरार तौर पर फांसी देने के वाक़ियात मशरिक़ी ईरान के शहर मशहद की वकील आबाद जेल में सामने आए हैं।

अहमद शहीद जिन्हों ने यक्म अगस्त को अपनी ज़िम्मेदारीयां सँभाली हैं, उन्हों ने ईरान में हक़ूक़-ए-इंसानी की ख़िलाफ़ वरज़ीयों से मुताल्लिक़ ताज़ा तरीन वाक़ियात को उजागर किया है और कहा कि ये उबूरी रिपोर्ट ही। ये रिपोर्ट चहारशंबा को अक़वाम-ए-मुत्तहिदा जनरल असैंबली में पेश की जाएगी, जिस में ख़वातीन के हुक़ूक़ की ख़िलाफ़वरज़ी से लेकर तशद्दुद के वाक़ियात की तफ़सीलात दी गई हैं। ताहम सब से दहला देने वाला मवाद फांसी की सजिसों की शरह के ताल्लुक़ से है।

ये रिपोर्ट ख़ारिजा पालिसी वेबसाइट पर नज़र आने के बाद फ़्रांसीसी ख़बररसां इदारा ने हासिल की। इस में कहा गया है कि 2010-ए-में सरकारी ऐलान के मुताबिक़ 2 सौ अफ़राद को फांसी पर लटकाया गया। मज़ीद बरआँ 2010-ए-में हुक्काम की जानिब से वकील आबाद जेल में 3 सौ से ज़ाइद अफ़राद को खु़फ़ीया तौर पर फांसी दी गई। जेल हुक्काम ने ईरानी क़ानून की भी ख़िलाफ़वरज़ी करते हुए क़ैदीयों के वुकला या अहल-ए-ख़ाना को इत्तिला किए बगै़र या उन की अदमे मौजूदगी में सज़ाए मौत पर अमल आवरी की।

रिपोर्ट के मुताबिक़ 2010-ए-में कम अज़ कम 146 अफ़राद को खु़फ़ीया फांसी दी गई। ईरान में क़तल, इस्मत रेज़ि, मुसल्लह डकैती, मुनश्शियात की स्मगलिंग और ज़ना ऐसे जराइम हैं जिन पर सज़ाए मौत दी जाती है।