ईरान से तेल की दरआमद ( आयात) कम करने की मुख़ालिफ़त

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने अमेरीका के दबाव में आकर ईरान से तेल की दरआमद ( आयात) कम करने के मर्कज़ के उक़्दा (जटिल समस्या) में खुली मुख़ालिफ़त की। वाज़िह रहे कि अमेरीका वज़ीर-ए-ख़ारजा हीलारी क्लिन्टन के हिंदूस्तान के हालिया दौरे के दौरान ये फ़ैसला किया गया है।

बहरहाल कांग्रेस सदर सोनीया गांधी के नाम एक मकतूब में साबिक़ एम एल सी और पार्टी लीडर सिराज मेंह्दी ने दावा किया कि ये इक़दाम( कार्यनिष्पादन) हिंदूस्तान के दाख़िली उमोर ( अंदूरूनी कार्य समूह)में सरिया ख़िलाफ़वर्ज़ी है। मिस्टर मेंह्दी ने इस से क़ब्ल ( पहले) दस मई को भी इस सिलसिला में सोनीया गांधी को ख़त लिखा था।

उन्होंने इल्ज़ाम लगाया कि पेट्रोलीयम के वज़ीर-ए-ममलकत का ईरान से तेल की दरआमद ( आयात) कम करने से मुताल्लिक़ ब्यान अमेरीकी हुकूमत के आगे सर झुकाने के मुतरादिफ़ (बराबर) है। मिस्टर मेंह्दी ने कहा कि ईरान हमेशा से हिंदूस्तान का एक अच्छा दोस्त रहा है और दिफ़ा के महकमा में भी दोनों के अच्छे ताल्लुक़ात ( संबंध) हैं।

ईरान से तेल लेना हिंदूस्तान के लिए कोई नई बात नहीं है।