ईरान हिन्दुस्तान से मसनूआत दरआमद करे :सदर जमहूरिया

नई दिल्ली, 01 मार्च: सदर जमहूरिया परनब मुकर्जी ने ईरान के साथ हिन्दुस्तान के तिजारती ताल्लुक़ात का तज़किरा करते हुए कहा कि ईरान को ज़्यादा से ज़्यादा हिन्दुस्तानी मसनूआत दरआमद करने की ज़रूरत पर ज़ोर देना चाहीए,ताकि दोनों मुमालिक के दरमियान तिजारती तवाज़ुन क़ायम रह सके। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि तिजारती ताल्लुक़ात दो तरफ़ा हों तो बेहतर मालूम होते हैं। हिन्दुस्तान अगर ईरान की कुछ मसनूआत दरआमद करता है तो ईरान को भी ऐसा ही करना चाहीए।

याद रहे कि ईरान का एक पारलिमानी वफ़द सदर जमहूरिया परनब मुकर्जी से मुलाक़ात करने पहुंचा था। बातचीत के दौरान सदर जमहूरिया ने मुंदरजा बाला ख़्यालात का इज़हार किया। ईरानी वफ़द की क़ियादत मुशावरती असेम्बली के स्पीकर अली लार जानी कर रहे हैं। राष्ट्रपति भवन में मुलाक़ात का एहतिमाम किया गया था। बातचीत के दौरान सदर जमहूरिया ने कहा कि मौजूदा तौर पर ईरान के साथ अगर हिन्दुस्तान के तिजारती ताल्लुक़ात का तज़किरा किया जाये तो ये कहना बेजाना होगा,कि इस वक़्त ईरान का पलड़ा भारी है, जबकि हिन्दुस्तानी मार्किट्स भी ईरान के लिए खुली हुई हैं।

ईरानी क़ालीन अगर हम खरीदते हैं तो हिन्दुस्तान के पास भी ऐसी कई मसनूआत हैं जो ईरान में हाथों हाथ ली जा सकती है। दो रुख़ी तिजारती ताल्लुक़ात हमेशा मुस्तहकम साबित होते हैं। उसे दो रुख़ी ट्राफिक से भी ताबीर कर सकते हैं। अगर हिन्दुस्तानियों को ईरानी मसनूआत के बारे में मालूमात है तो इस की वजह ये है कि हिन्दुस्तान ईरान से मसनूआत दरआमद करता है। इस तरह ईरानियों को भी हिन्दुस्तानी मसनूआत के बारे में मालूमात फ़राहम किए जाने की ज़रूरत है।

यही नहीं बल्कि दोनों मुमालिक के दरमियान अवाम से अवाम के ताल्लुक़ात को भी मुस्तहकम करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि ईरान और हिन्दुस्तान हमेशा से अच्छे पड़ोसी रहे हैं और इस की वजह ये है कि दोनों मुमालिक के दौरान मुज़ाकिरात के दरवाज़े कभी बंद नहीं हुए। इस मेकानिज़म पर हमेशा से तवज्जो दी जाती रही जिस की वजह से आज दोनों मुमालिक एक दूसरे से क़रीबतर हैं।